ढाई महीने से अधिक समय बाद दुकानें खुलने से आर्थिक गतिविधियों को मिलेगी गति
रांची। झारखंड सरकार ने अनलॉक-1.0 में 19 जून से बड़ी छूट देने का निर्णय लेते हुए शहरी क्षेत्रों में कपड़े और जूते की दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी गयी है। मार्च के अंतिम सप्ताह से कोरोना वायरस को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन के बाद अनलॉक के पहले पखवाड़े में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण राज्य सरकार ने छूट देने से इंकार किया था, लेकिन अब आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान करने के लिए यह छूट का निर्णय लिया है। इसे लेकर गुरुवार को गृह विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गयी है।

भीड़ वाले क्षेत्र में जाने से बचे-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि 19 जून से झारखंड में कपड़ों और जूतों की दुकानें खुलेंगी, लेकिन आम नागरिकों से अपील है कि सोशल डिस्टेसिंग के नियमों का पालन अवश्य पालन करें। उन्होंने कहा कि भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में जाने से यथा संभव बचें। मुख्यमंत्री ने लोगों से मास्क भी पहनने की भी अपील की है।
जूते-कपड़े के दुकानदार थे आंदोलन
करीब ढ़ाई महीने से अधिक समय से दुकान बंद रहने के कारण जूता और कपड़े के दुकानदार आंदोलनरत थे। केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 5.0 और अनलॉक 1.0 में इन सारे विषयों पर निर्णय लेने के लिए राज्य सरकार को अधिकृत किया था। लेकिन झारखंड में देश भर के विभिन्न हिस्सों और खास कर बड़ी संख्या में रेड जोन से प्रवासी श्रमिकों के वापस आने तथा कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने के कारण राज्य सरकार ने जूता और कपड़े दुकान को खोलने की अनुमति देने से इंकार कर दिया था। इन दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं देने के पीछे यह तर्क दिया गया था कि कपड़े और जूता दुकान में कई लोग आते है और कई को छू कर देखने के बाद ही एक की खरीदारी करते है। इस कारण संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ जाती है। सरकार के इस फैसले से कपड़ा व जूते-चप्पल के दुकानदारों में नाराजगी थी। इन दुकानदारों और व्यवसायी संगठनों की ओर से सरकार से यह अपील की गयी थी कि सोशल डिस्टेसिंग और सुरक्षा के मानकों का पालन करने की शर्त्त पर उन्हें भी दुकान खोलने की अनुमति दी जाए, क्योंकि ढ़ाई महीने से अधिक समय से दुकानें बंद रहने से उनकी आर्थिक स्थिति चरमरा गयी है।

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