रांची। राज्य सूचना आयोग में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर झारखंड में सरगर्मी बढ़ गई है। इससे यह संभावना भी प्रबल हो गई है कि वीरान हुआ राज्य सूचना आयोग का दफ्तर शीघ्र ही गुलजार होगा। साथ ही फैसले के इंतजार की घड़ी में लंबित पड़े मामलों की सुनवाई का रास्ता भी साफ होगा।
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों से सूचना आयुक्तों की नियुक्ति मामले में रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया को भी पूरी किये जाने संबंधी निर्देश दिये हैं। इस बाबत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सचिव विनय कुमार चौबे ने मंगलवार को फोन पर बताया कि सूचना आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर सरकारी स्तर पर तैयारी चल रही है। उन्होंने बताया कि समय आने पर सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि झारखंड राज्य सूचना आयोग में मुख्य राज्य सूचना आयुक्त व राज्य सूचना आयुक्त के अलावा नौ पद खाली हैं। कार्यवाहक मुख्य राज्य सूचना आयुक्त का मई 2020 में कार्यकाल समाप्त हो गया। तब से आयोग में सभी पद रिक्त हो गये हैं। आयोग में लंबित पड़े मामलों की सुनवाई ठप हो गयी है। याचिका में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार की ओर से इन रिक्तियों को भरने के लिए कोई प्रभावी प्रयास नहीं किया गया है। आयोग में 7669 अपील मामले और 71 शिकायतें लंबित हैं।
उल्लेखनीय है कि सूचना आयोग में फिलहाल न तो मुख्य सूचना आयुक्त हैं और न ही सूचना आयुक्त। वर्ष 2020 मई में आदित्य स्वरूप के हटने के बाद वरीय सूचना आयुक्त हिमांशु शेखर प्रभार में रहे लेकिन वर्तमान में न तो मुख्य सूचना आयुक्त हैं और न ही कोई सूचना आयुक्त। आयोग पूरी तरह से खाली है। इन पदों पर नियुक्ति के लिए योग्य व्यक्तियों के नाम मुख्यमंत्री, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और एक सदस्य की बनी कमेटी करती है। इस पर कैबिनेट के बाद राज्यपाल की स्वीकृति ली जाती है।
झारखंड राज्य सूचना आयोग के गठन के बाद राज्य में पहली बार मुख्य सूचना आयुक्त के अलावा छह सूचना आयुक्तों की नियुक्ति हुई थी। वे एक-एक कर रिटायर होते गये और पद खाली होता गया। ऐसे में अपील की बाढ़ आ गयी। इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
झारखंड राज्य सूचना आयोग का गठन 26 जुलाई, 2006 को हुआ था और न्यायमूर्ति हरिशंकर प्रसाद राज्य के पहले मुख्य सूचना आयुक्त बने थे। इसी दौरान राज्य सूचना आयोग में सबसे ज्यादा एक मुख्य सूचना आयुक्त और छह आयुक्त के साथ सात सदस्य रहे हैं। अगस्त 2011 से दो अप्रैल 13 तक एक मात्र मुख्य सूचना आयुक्त न्यायमूर्ति हरिशंकर प्रसाद रहे हैं। इस दौरान कोई सूचना आयुक्त भी नहीं थे। वर्ष 2020 जनवरी से लेकर आठ मई तक राज्य सूचना आयोग की जिम्मेदारी कार्यकारी मुख्य सूचना आयुक्त हिमांशु शेखर चौधरी के हवाले था, जो अब सेवानिवृत हो चुके हैं।
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