रांची। रांची स्थित मेकॉन कॉलोनी से पांच बच्चों के अपहरण का प्रयास का मामला पुलिस जांच में झूठा निकला। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पांच बच्चे घर में बताये बगैर घूमने निकल पड़े।ऑटो बदल-बदल कर सभी बेड़ो पहुंच गये। तब तक अंधेरा हो चुका था। बच्चे डर गये थे। स्थानीय लोगों के माध्यम से पुलिस के पास पहुंचे। फिर घर वापसी हुई। इधर, बच्चों के परिजन पुलिस के पास पहुंच गये। एक साथ पांच बच्चों के लापता होने की सूचना पर पुलिस के होश उड़ गए । जगह-जगह नाकेबंदी कर चेकिंग शुरू किया गया।
पुलिस ने बच्चों के तलाश में पूरी ताकत झोंक दी। जब पुलिस ने बच्चों ने पूछताछ की तो उन्होंने अपहरण की कहानी गढ़ दी। बच्चों ने बताया कि वे सभी मेकॉन कॉलोनी मैदान में बैडमिंटन खेल रहे थे। तभी एक अंकल आये और उन्हें टॉफी खाने के लिए दिया। जिसे खाने के बाद कुछ देर खेले उसके बाद उन्हें याद नहीं की वे यहां कैसे पहुंचे। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला तो ऐसा नहीं दिखा। सभी बच्चे आठ से बारह वर्ष के बीच के हैं। इनमे तीन बच्चियां भी थीं। सभी प्लान बनाकर घूमने निकले थे। इनके पास लगभग एक हजार रूपये भी थे। परिजनों के पास बच्चों ने खुलासा किया है कि सभी मेकॉन कालोनी से निकलकर डीबडीह पहुंच गये, वहां से ऑटो पकड़कर रातू रोड पहुंच गये। रातू रोड से ऑटो में बैठकर बेड़ो पहुंच गये। बेड़ो पहुंचने के बाद बच्चों को समझ में आया कि वे भटक गये हैं। तब बच्चों ने एक दुकानदार को मोबाइल के माध्यम से घरवालों को सूचना देने को कहा। दुकानदार को संदेह हुआ और दुकानदार ने बच्चों को पुलिस के पास पहुंचा दिया। पुलिस बच्चों की खोजबीन में जुटी रही। शाम से लापता बच्चों के देर रात घर पहुंचने के बाद पुलिस व बच्चों के परिजनों ने राहत की सांस ली।