रांची: झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी ने निर्देश दिया है कि वैसे सभी सहायक अध्यापक जिन्होंने अभी तक प्रमाणपत्रों की जांच के लिए अपने सर्टिफिकेट नहीं जमा किए हैं, वे हर हाल में 5 दिसंबर तक उसे जमा कर दें।

स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ऐसे सहायक अध्यापकों पर कार्रवाई करने के लिए सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षकों को निर्देश दे दिया है। साथ ही, विज्ञापन के जरिए सूचना भी प्रकाशित कर दी है।

ऐसा नहीं करने पर 31 दिसंबर तक उन पर विभागीय कार्रवाई करते हुए उन्हें कार्यमुक्त कर दिया जाएगा।

ऐसे सहायक अध्यापक एक जनवरी 2023 से काम नहीं कर सकेंगे और उनके मानदेय का भुगतान जनवरी 2023 के प्रभाव से नहीं किया जाएगा। SPD किरण कुमारी पासी ने सहायक अध्यापकों को विज्ञापन के जरिए सूचना दी है।

5 दिसंबर के बाद जांच के लिए प्रमाणपत्र स्वीकार नहीं किया जाएगा। ऐसा माना जाएगा कि उनके शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक व टेट के प्रमाणपत्र अनियमित हैं या उनके पास वैध अर्हता नहीं है।

उन पर विभागीय कार्रवाई करते हुए उनके नाम से पत्र निर्गत किया जाएगा और अपना पक्ष रखने के लिए स्पष्टीकरण पूछा जाएगा।

31 दिसंबर के पूर्व ही दो बार स्पष्टीकरण देने और उनका पक्ष जानने के बाद उन्हें कार्यमुक्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

यहां बताते चलें कि राज्य के कुल 402 सहायक अध्यापकों ने सर्टिफिकेट जांच के लिए अपने प्रमाणपत्र नवंबर के अंत तक जमा नहीं किए हैं।

इनमें से 232 सहायक अध्यापकों ने त्यागपत्र दे दिया है, वहीं काम कर रहे 170 सहायक अध्यापकों ने जांच के लिए प्रमाणपत्र जमा नहीं किया है।

नवंबर के अंतिम सप्ताह तक 61,421 सहायक अध्यापकों में से 42,942 सहायक अध्यापकों के सर्टिफिकेट की जांच पूरी कर ली गई है। वहीं, करीब सात हजार सहायक अध्यापकों के प्रमाणपत्रों की जांच प्रोसेस में है।

शिक्षा विभाग ने जिलों से रिपोर्ट देने को कहा है कि किस विश्वविद्यालय, बोर्ड और संस्थान में कितने शिक्षकों के प्रमाणपत्र जांच के लिए लंबित हैं।

उसकी रिपोर्ट झारखंड शिक्षा परियोजना को भेजें। इसमें जिलों को बोर्ड, विश्वविद्यालय व संस्थान के नाम, शिक्षक का आईडी, नाम, स्कूल, यूडाइस कोड, मैट्रिक, इंटरमीडिएट, स्नातक, टीचर ट्रेनिंग या जेटेट का सर्टिफिकेट जांच की स्थिति पर रिपोर्ट देनी है।

Show comments
Share.
Exit mobile version