ग्रामीणों ने श्रमदान से सडक मरम्मत करायी थी, तब मिली थी निर्माण की स्वीकृति

कोडरमा। जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर बन रहे कोडरमा गिरिडीह रोड से निरूपहाडी भाया चितरपुर रोड़ का कार्य पूरा होने से पहले ही धसने लगा है। ग्रामीणों के वर्षों के पक्की सड़क की मांग एवं श्रमदान से सड़क मरम्मत की खबर जब सामने आयी तो विधायक डा नीरा यादव ने सरकार से इसकी अनुशंसा की। सड़क के लिए स्वीकृति मिली तथा सड़क बनना चालू हो गया लेकिन संवेदक एवं कनीय अभियंता के मिलीभगत के कारण सड़क निर्माण कार्य में काफी घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया। सीमेंट एवं स्टोन चिप्स कम और अधिक बालू का इस्तेमाल किया गया तथा कई जगह पर जीएसबी का भी इस्तेमाल नहीं किया गया। इसका ताजा नतीजा है कि सड़क पूरा बनने से पहले ही धसने लगा। ढलाई के निचे का मिट्टी दब गया तथा ढलाई उपर टंग गया। कहीं भी रोड समतल नहीं है। कई जगह अभी ही रोड पर पानी जमने लगा। ग्रामीणों ने जेई पर आरोप लगाया है कि जेई ने संवेदक से ज्यादा कमीशन लेकर सड़क में घटिया मैट्रियल का प्रयोग करवाया है  तथा संवेदक भी अपने मन मुताबिक पैसे बचाने के लिए निम्न स्तर का सड़क निर्माण कर रहे हैं। ज्ञात हो कि वर्ष 2018 में कृषक शक्ति के द्वारा श्रमदान से सड़क की मरम्मत की गई थी जिसके बाद सरकार ने सड़क की स्वीकृति प्रदान की थी। सड़क में हो रहे घटिया सामाग्रियों के इस्तेमाल की जानकारी गांव के स्वयं सहायता समूह कृषक शक्ति ने जेई को कई बार दिया लेकिन जेई ने किसी की नहीं सुनी। अब इस मामले को जनसंवाद के माध्यम से मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जा रहा है।

ग्रामीणों ने कार्यवाई की मांग की

कृषक शक्ति के अध्यक्ष तुलसी कुमार साव, संजय यादव, दिलीप सिंह, प्रकाश कुमार, छोटेलाल यादव, मनोज यादव, लखपती यादव, योगेश कुमार, रितलाल यादव, कृष्णा पासवान, मुखलाल यादव, दिनेश सिंह, उमेश साव, जयप्रकाश साव, संजय साव, भोला साव, प्रेमचंद पंडित, रामप्रसाद यादव, रमण यादव सहित सभी ग्राम वासियों ने जिला प्रशासन, उपायुक्त कोडरमा से अपील किया है कि सड़क निर्माण की गुणवत्ता की जांच कर दोषी संवेदक एवं जेई पर तत्काल कार्रवाई करते हुए गुणवत्ता युक्त सड़क निर्माण कराया जाय।

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