हजारीबाग। सदर विधायक मनीष जायसवाल ने अपने राजनीतिक जीवन का पहला वर्चुअली प्रेस-कॉन्फ्रेंस कोरोना की दूसरी लहर के त्राहिमाम के बीच गुरूवार को ज़ूम एप्प के माध्यम से किया। प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से विधायक श्री जायसवाल ने कोविड-19 के दूसरे दौर में एक सजग और गंभीर जनप्रतिनिधि होने के नाते अपने द्वारा किए जा रहे सेवा कार्यों को विस्तार से सार्वजनिक किया। विधायक श्री जायसवाल ने बताया कि उनके द्वारा महानगरों की तर्ज पर हजारीबाग के दो बड़े श्मशान घाट खीरगांव अवस्थित मुक्तिधाम और कोनार पुल श्मशान घाट (जहां कोरोना मरीजों का शव जलता है) में सीधा प्रसारण की पूरी तैयारी कर ली गई है। दोनों जगहों पर 4- 4 कैमरा इंस्टॉल किया गया है।

खिरगांव में बाबा भूतनाथ मंडली और कोनार पुल में स्थानीय वार्ड पार्षद के पुत्र सह समाजसेवी अविनाश यादव इस व्यवस्था के संचालन में सहयोग करेंगे। इससे अब लोगों को दुनिया के कहीं भी बैठे हुए हजारीबाग में सजी चिता को देख पाएंगे और अपनों के शव को अंतिम नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे। विधायक श्री जायसवाल ने बताया कि कोरोना का दूसरा लहर शुरू होते ही शहर से लेकर ग्रामीण इलाके तक हमारे द्वारा विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत ढाई लाख मास्क का वितरण विभिन्न माध्यमों से किया जा रहा है। 1850 कोविड मेडिसिन किट स्थानीय चिकित्सकों की राय – सुमारी के बाद जरूरतमंदों के बीच बांटा जा रहा है। 76 ऑक्सीजन सिलेण्डर और सैकडों ऑक्सीजन फ्लो मीटर के माध्यम से अब तक करीब 212 लोगों को लाभान्वित किया गया है। आपदा को अवसर में बदलने में जुटे एंबुलेंस संचालकों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए तत्काल एक ऑक्सीजन युक्त एंबुलेंस हजारीबाग और आसपास के मरीजों के लिए मुफ्त में सुचारू किया गया। एक और एंबुलेंस इसी सप्ताह जरूरतमंद मरीजों के लिए अपने विधायक निधि से हजारीबाग वासियों को सौगात मिलेगा।

निःशुल्क एंबुलेंस संचालन का प्रभाव ये हुआ कि विभिन्न निजी एंबुलेंस संचालकों की मनमानी में रोक लगी। विधायक कार्यालय में एंटीबॉडी टेस्टिंग कैंप आयोजन किया गया जिसके माध्यम से कई लोगों को ससमय प्लाज्मा उपलब्ध कराया गया। व्यक्तिगत रूप से महीने आपदा की इस घड़ी में 24 x 7 हर लोगों का फोन अटेंड करते हुए जरूरतमंद मरीजों के लिए विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर सहित अन्य सुविधा दिलाने में हरसंभव मदद किया। इस आपदा काल में दर्जनों ऐसे परिवार जिनके बच्चे महानगरों में रहते हैं और घर के सभी वृद्ध कोरोना पीड़ित हुए उनकी हर जरूरतों पर ध्यान रखा और पूरा किया। विभिन्न सामाजिक संगठन और सामाजिक लोगों को सैकड़ों ऑक्सीमीटर उपलब्ध कराया ताकि जरूरतमंदों का ऑक्सीजन लेवल नापा जा सके। हजारीबाग के लाचार, मजबूर, बेबस, जरूरतमंद गरीब लोगों से मिली जानकारी के बाद ऐसे लोग भूखे ना रहे इसलिए 50 हजार का कच्चा राशन युक्त फूड पैकेट्स का निर्माण और वितरण रोज बेसिस पर शुरू किया। फेसबुक लाईव के माध्यम से विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम को जनहित में समाज के समक्ष लाने का कार्य जारी है।

हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर और रेगुलेटर चोरी के मामले पर विधायक श्री जायसवाल ने कहा कि या मामला पुलिस अनुसंधान के क्रम में है और हाईकोर्ट ने भी इस पर स्वत: संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा कराया गया एफआईआर प्रीमेच्योर था। अस्पताल प्रबंधन को पहले अपने दायित्वों का निर्वहन कर लेना चाहिए था फिर एफआईआर करानी चाहिए थी। पुलिस इस गंभीर और संवेदनशील मामले पर निष्पक्ष होकर जांच करें और इसमें शामिल असंवेदनशील लोगों को समाज के समक्ष लाकर पूरे मामले को उजागर करें एवं उन्हें कठोर दंड दे। उन्होंने एचएमसीएच में पदस्थापित डॉक्टरों के इस आपदा काल में कार्यशैली पर भी सवाल खड़ा किया और कहा कि हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में करीब 100 डॉक्टर हैं। यहां 200 से अधिक मरीज एक बार में इलाज नहीं कराते होंगे।

ऐसे में प्रति 2 मरीज एक डॉक्टर पदस्थापित होने के बावजूद भी यहां कोरोना पीड़ित मरीजों को दो-तीन दिन बाद किसी डॉक्टर ने जाकर देखा। यहां पदस्थापित अनेक स्पेशलिस्ट चिकित्सक हैं, जिन्होंने एमबीबीएस किया है। वे चाहते तो एक बेसिक डॉक्टर की सेवा देते हुए यहां मची अफरा-तफरी को समाप्त कर सकते थे। मैंने इस संबंध में हॉस्पिटल सुपरिटेंडेंट और मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से जब शिकायत किया तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि हम इन्हें कुछ नहीं कर सकते हैं। मैंने इस संबंध में सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी शिकायत करते हुए कहा था कि ऐसे डॉक्टरों के विरूद्ध एस्मा (आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम) लगाने की मांग की थी। लेकिन राज्य सरकार की अकर्मण्यता का यह नतीजा है की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे हो गई है ।

Show comments
Share.
Exit mobile version