हजारीबाग। प्रदेश कांग्रेस कमिटी के निर्देशानुसार हजारीबाग जिला कांग्रेस कमिटी के तत्वावधान में सरकार के द्वारा दिए गए गाइडलाइन का नियम से अनुपालन करते हुए पेट्रोल और डीजल के मुल्यों के अप्रत्याशित वृद्धि पर केन्द्र सरकार के विरोध में शहर के सभी पेट्रोल पम्पों के निकट तथा प्रखंड अध्यक्षों के द्वारा अपने अपने एरिया के पेट्रोल पम्पों के निकट एकदिवसीय सांकेतिक प्रदर्शन किया।

शहर में आयोजित कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए जिला अध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार के द्वारा पिछले 13 महीनों में पेट्रोल 24.90 और डीजल 23.09 रूपये प्रति लीटर कीमत बढ़ाए गए हैं जो केन्द्र सरकार की मुनाफाखोरी को दर्शाता है। 2014 मे कचे तेल की कीमत जब 108 रूपये प्रति बैरल हुआ करती थी तब युपीए शासनकाल में पेट्रोल 71.51 पैसे प्रति लीटर और डीजल 55.49 पैसे प्रति लीटर उपलब्ध हुआ करती थी लेकिन केन्द्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर सात वर्षो मे अनर्गल टैक्स लगाकर 22 लाख करोड़ रूपए का मुनाफा कमाया है।

जबकी पिछले सात वर्षो मे कचे तेल 20 रूपए से 65 रूपए प्रति बैरल के निचे आ गया यहां तक कि एक बार तो 10 रूपए प्रति बैरल तक कचे तेल की कीमत हो गई थी इसके बावजूद देश की जनता को कोई लाभ नही हुआ उल्टे पेट्रोल और डीजल की कीमत 100 रूपए के आस पास पहुंच गई है और 73 वर्षो मे पहली बार ऐसा हुआ है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें बराबर हो गई है जिसके कारण खाद्य पदार्थों से लेकर हर चीजों की कीमतें बढ़ गई है।उन्होनें आगे कहा कि रसोई गैस सिलेंडर की कीमत एका एक बढ़ने से महिलाओं के रसोई घर का बजट एकदम बिगाड़ कर रख दिया है यहि कारण है कि आज लोग इस मामले में युपीए शासनकाल की सराहना कर रहें हैं ।

उन्होनें कहा कि युपीए शासनकाल में जब इंटरनेशनल मार्केट क्रुड ऑइल की कीमत उच्चतम दर पर थी, उस समय भी पेट्रोल-डीजल की कीमत इतनी नही बढ़ी थी वहीं युपीए शासनकाल मे कुछ पैसे की बढ़ोतरी होती थी तो भाजपा के केन्द्र से लेकर प्रखंड स्तर के नेता सड़को पर उतर आते थे, आज वही भाजपा के नेता चुपचाप हैं और मन ही मन अपने ही केन्द्र सरकार को कोसने पर विवश हैं, क्योकीं इस मंहगाई का व्यापक असर आम जनता के साथ-साथ उनके घरेलू बजट पर भी पड़ा है।

सांकेतिक प्रदर्शन में वरिष्ठ कांग्रेसी विरेन्द्र कुमार सिंह, डॉ जमाल अहमद, शशि मोहन सिंह उपाध्यक्ष सह मीडिया प्रभारी निसार खान, ओमप्रकाश गोप, गोविंद राम, साजिद अली खान, संजय कुमार तिवारी, सुनिल सिंह राठौर, धीरेन्द्र कुमार दुबे, ओम झा, राजू चौरसिय, अजय कुमार गुप्ता, ज्ञानी मेहता, सुनिल कुमार ओझा, मनोज कुमार मोदी, मंसुर आलम, मिथलेश दुबे, उमर खान, तसलीम अंसारी, रंजीत यादव, अजित  कुमार सिंह, मो. अफरोज आलम, उदय साव, उपेन्द्र राय, बाबर अंसारी, नरसिंह प्रजापति, राशिद खान, मजहर हुसैन, सोएब अंसारी, सैयद अशरफ अली, मो. शिबली, मनोहर शर्मा, सुधीर पाण्डेय, प्रशांत कुमार, सुधीर कुमार के अतिरिक्त कई कांग्रेसी उपस्थित थे।

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