रांची।  झारखंड में नौकरी पा चुके लोगों को यहां नौकरी रास नहीं आ रही है। यही वजह है कि शिक्षक पद पर बहाल हुए दूसरे राज्यों के महिला-पुरुष इस्तीफा देकर वापस जा रहे हैं। गिरीडीह जिला में अब तक 50 से अधिक शिक्षक इस्तीफा दे चुके हैं। इनके नौकरी में आने से जहां झारखंडियों का हक मारा गया था। वहीं अब इनके इस्तीफे से बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

इन राज्यों के शिक्षक दे रहे इस्तीफा

झारखंड में बहाल हुए उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के शिक्षक-शिक्षिकाएं इस्तीफा दे रहे हैं। डीईओ कार्यालय से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में बहाल हुए गिरिडीह जिला के 53 शिक्षक-शिक्षिकाअब तक इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें से 34 टीजीटी और 19 पीजीटी शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल हैं। इस्तीफा देने वालों में अधिकांश शिक्षक-शिक्षिकाउत्तर प्रदेश के हैं। शिक्षकों के इस्तीफा देने का सिलसिला अभी जारी है।

ये है इस्तीफा का कारण

इस्तीफा देने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं का कहना है कि उन लोगों ने अपने राज्य में भी नौकरी के लिए आवेदन किया था। वहां नौकरी मिलने के कारण यहां इस्तीफा देकर वापस अपने राज्य जा रहे हैं। अपने राज्य और शहर में नौकरी करने का मजा ही कुछ और अलग है।

लापता हैं कई शिक्षक

जिले के उच्च और प्लस टू उच्च विद्यालयों में बहाल हुए उत्तर प्रदेश के रहने वाले कई ऐसे शिक्षक भी हैं जो योगदान के बाद से अब तक स्कूल नहीं गए हैं। बताया जाता है ऐसे शिक्षकों को भी अपने राज्य में नौकरी मिल गई है, इसलिए वे यहां स्कूल नहीं जा रहे हैं। हालांकि ऐसे शिक्षकों ने अब तक अपना इस्तीफा विभाग को नहीं सौंपा है।

बच्चों को भुगतना पड़ रहा खामियाजा

जिले के विद्यालयों में शिक्षकों का घोर अभाव है। वर्षों बाद शिक्षकों की कुछ बहाली हुई थी, लेकिन वे भी इस्तीफा दे रहे हैं। इससे खाली हो रहे शिक्षकों के पद को तुरंत भरना मुश्किल है। इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित होगी। साथ ही दूसरे राज्यों के लोगों का झारखंड में शिक्षक पद पर बहाल होने से झारखंडी युवाओं का भी हक मारा गया। शिक्षक मुन्ना प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि शिक्षकों के इस्तीफा देेने का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ेगा। इसे गंभीरता से लेते हुए सरकार अविलंब शिक्षकों की बहाली करे। अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी शिक्षक पद पर केवल अपने ही राज्य के युवाओं की बहाली हो।

Show comments
Share.
Exit mobile version