रांची। झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) ने संशोधित मोटर व्हीकल कानून के विरोध में बुधवार को राज्यभर में आक्रोश मार्च निकाला। झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में रांची में हजारों कार्यकर्ता मोरहाबादी मैदान स्थित गांधी प्रतिमा से अल्बर्ट एक्का चौक तक साईकिल से आक्रोश मार्च निकालकर विरोध जताया। पार्टी ने जनहित में संशोधित कानून को वापस लेने की मांग की।
इससे पूर्व झाविमो रांची महानगर के हजारों कार्यकर्ता झण्डा-बैनर एवं हाथों में तख्तीयां लेकर सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए जुलूस के रुप में अल्बर्ट एक्का चौक पहुंचे और प्रदर्शन किया। बाद में यह मार्च जनसभा में तब्दील हो गया।
मौके पर जनसभा को संबोधित करते मरांडी ने कहा कि रघुवर सरकार द्वारा इस कानून को लागू करने से राज्य की जनता में भारी आक्रोश है। सरकार यातायात व्यवस्था के नाम पर जनता का भायादोहन कर रही है। जनता और पुलिस के बीच टकराव बढ़ रही है। लोग सड़कों पर गाड़ी लेकर निकलने से डर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा नोटबंदी और जीएसटी लागू कर जनता का खून चुसने के बाद संशोधित मोटर वाहन कानून भी इसी कड़ी का हिस्सा है। यह कानून पूर्ण रुप से अव्यवहारिक है। भाजपा सरकार को बहुमत की नसे में आम जनता की तकलीफें नजर नहीं आ रही है।
उन्होंने कहा कि इस सरकार की विदाई अब तय हो चुकी है। राज्य की भाजपा नीत सरकार को जनता का जितना चालान काटना था काट लिया, अब चालान काटने की बारी जनता की है। विधानसभा चुनाव में इस सरकार की चलान जनता काट देगी। उन्होंने कहा कि कोई भी कानून जनता की सहुलियत के लिए होती है न कि परेशान करने के लिए। भाजपा अगर वास्तव में परिवहन व्यवस्था को सुधारना चाहती है, तो जनता को ऑन द स्पॉट सशुल्क दस्तावेज तैयार करवाना चाहिए। इस कानून के लागू होने से पुलिस का व्यवहार गुंडों की तरह हो गई है। लोगों में दहश्त का माहौल है। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। हमारी मांग है कि सरकार इस जन विरोधी कानून को वापस लें, ताकि जनता को राहत मिले।
आक्रोश मार्च में मुख्य रुप से पूर्व मंत्री रामचन्द्र केशरी, केन्द्रीय महासचिव खालीद खलील, सरोज सिंह, महानगर अध्यक्ष सुनील गुप्ता आदि शामिल थे।
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