हाल रामगढ़ में झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी का

रामगढ़। रामगढ़ जिले में झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी (झामुमो) का हाल खस्ता होता जा रहा है। यहां रैलियों में तो संख्या हजारों की दिखाई जाती है, लेकिन जब समीक्षा बैठक होती है तो गिने-चुने लोग ही नजर आते हैं। यह नजारा गुरुवार को रामगढ़ में एक बार फिर दिखा। शहर के रोटरी क्लब भवन में झामुमो ने बदलाव यात्रा के बाद यात्रा की सफलता को लेकर समीक्षा बैठक बुलाई थी। जिले के तमाम कार्यकर्ताओं और नेताओं को इसमें उपस्थित होने को कहा गया था। जब बैठक शुरू हुई तो जितने लोग मंच पर थे उतनी संख्या भी मंच के नीचे नहीं थी। कुछ देर समीक्षा बैठक जब चल गई उसके बाद कुछ कार्यकर्ता नजर आए, लेकिन वह भी सभा की 30 कुर्सियां भी नहीं भर सके। बाद में जब मीडिया वाले वहां पहुंचे तो कुर्सी खाली नहीं दिखे इसके लिए 2-4 कार्यकर्ताओं को कुर्सी समेटने के काम में लगा दिया गया।

झामुमो जिलाध्यक्ष विनोद किस्कू ने जिस तरह बैठक स्थल की तैयारी की थी, उससे यह प्रतीत हो रहा था कि यहां हजारों की संख्या में कार्यकर्ता आने वाले हैं। सैकड़ों कुर्सियां लगाई गई थी। लेकिन समीक्षा बैठक में कुछ और दिखा। सारी की सारी कुर्सियां खाली नजर आई। जिससे साफ नजर आ रहा है रामगढ़ में झामुमो की हालत काफी खराब है।

बताते चले की 14 सितंबर को रामगढ़ के छावनी परिषद मैदान में विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा बदलाव यात्रा का आयोजन किया गया था। तीसरे चरण की यात्रा के दौरान हेमंत सोरेन का आगमन रामगढ़ में हुआ था। इस सभा में हजारों हजार की संख्या दिखाने वाले जिलाध्यक्ष ने इस जिले में भी बदलाव की बयार लाने का दंभ भरा था।

आज फिर उसी बदलाव यात्रा की समीक्षा और आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाने के लिए पार्टी ने बैठक आयोजित की थी। लेकिन पार्टी की यह बैठक पूरी तरीके से टांय टांय फिस हो गई।

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