हजारीबाग। राष्ट्रीय सेवा योजना का सात दिवसीय विशेष शिविर का रविवार को सामुदायिक पंचायत भवन बहेरी में पांचवें दिन के मुख्य अतिथि के तौर पर समाजसेवी सह नेत्री रुचि कुजूर, मुर्दा कल्याण समिति हजारीबाग के अध्यक्ष मोहम्मद खालिद और विनोबा भावे विश्वविद्यालय के पूर्व डीएसडब्ल्यू सह डीन बीपी सिंह मौजूद थे। शिविर की शुरुआत सर्वप्रथम स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी के प्रतिमा पर मुख्य अतिथियों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। शैक्षणिक सत्र के शुरुआत में संत कोलंबा के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ सरिता सिंह सह कार्यक्रम पदाधिकारी एनएसएस के द्वारा जल संरक्षण अभियान पर सभी स्वयंसेवकों का ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि आज हम वैश्विक स्तर पर जल की कमी से जूझ रहे हैं। धरती पर पीने लायक जल धीरे-धीरे कम होता जा रहा है।

इसलिए उन्होंने सभी को जल संरक्षण के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि जल के एक-एक बूंद का सदुपयोग करें तथा बारिश के पानी का डोभा तलाब में संग्रहित कर भूमि के जल स्तर को जाए। वहीं मुख्य अतिथि के तौर पर बीपी सिंह ने मानवाधिकार था राजनीतिक शास्त्र के विषय पर अपने विचारों को प्रकट करते हुए कहा कि मानव अधिकार वेे मानदंड है, जो मानव व्यवहार के मानकों को स्पष्ट करते हैं। उन्होंने मानव की मूलभूत अधिकारों को स्वतंत्र रूप से मिलना चाहिए। समाजसेवी सह नेत्री रूचि कुजूर ने महिला सशक्तिकरण के बारे में बल देते हुए कहा कि आज नारी समाज के हर एक क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर रही नारी किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं है वह अपने सम्मान के लिए लड़ रहे हैं और आगे भी बढ़ रही है और इसी तरह आगे भी बढ़ती रहेगी साथ ही आज मानव जाति के कल्याण के लिए पर्यावरण को बचाने की जरूरत है विकास की नींव विनाश के ऊपर न रखी जाए। अंत में मोहम्मद खालिद ने अपने संगठन के बारे में बताते हुए कहा कि कैसे वे अपने संगठन के सदस्यों के साथ मिलकर यहां वहां लावारिस पड़े लाशों को एकत्रित कर उनका अंतिम संस्कार उनके धर्मों के रीति रिवाजों के अनुसार करते हैं साथ ही साथ उन्होंने स्वयंसेवकों से यह उम्मीद जताई कि वे भी इसी प्रकार से काम करते रहेंगे और समाज को बदलने में अपना सर्वस्व न्योछावर करेंगे।

संध्या कालीन सत्र में स्वयंसेवकों के द्वारा पर्यावरण संरक्षण जल संरक्षण तथा वैश्विक महामारी कोविड-19 के विषय पर रैली तथा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से ग्राम वासियों को जागरूक किया और रात्रि में चौपाल लगाकर 20 ग्रामीण बच्चों को शिक्षा अनुदान भी दिया जा रहा है । इस कार्यक्रम को सफल बनाने में पायल कुमारी, अंबिका, निशा,सिंकी ,अंकिता, दिनेश, विशाल, मंतोष, हेमंत, अंकित, जोगेश्वर, सुखदेव, सुदामा सहित कई ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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