वेलिंगटन। प्रशांत महासागर में 32 दिन तक नारियल और बारिश का पानी पीकर चार लोग जिंदगी और मौत से लड़ते रहे।

बुधवार को एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पापुआ न्यू गिनी के बौगैनविले प्रांत के चार लोगों के एक समूह ने 32 दिन महासागर में रहकर बिताए। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, ये ग्रुप 22 दिसंबर को क्रिसमस मनाने के लिए कार्ट्रेट आइलैंड गए थे। यह जगह बौगैनविले से 100 किमी दूर है।

बच कर वापस आए लोगों में से एक डोमिनिक स्टेली ने बताया कि उनकी छोटी सी नाव पलट गई और कई लोग डूब गए। लेकिन हम आठ लोग बच गए थे, जिनमें से एक जोड़ा, एक लड़की और एक बच्चे ने बाद में दम तोड़ दिया। मरे हुए लोगों के शरीर का हम कुछ नहीं कर सकते थे, इसलिए हमने उन्हें बहने दिया।

स्टेली ने बताया कि उनके पास से मछली पकड़ने वाले कई जहाज़ गुजरे, लेकिन किसी ने हम पर ध्यान नहीं दिया। बाद में एक फिशिंग शिप की मदद से हमें न्यू कैलेडोनिया तट से 2000 किमी दूर 23 जनवरी को बचा लिया गया।

बचे हुए लोगों में दो पुरुष, एक महिला और एक 12 साल की लड़की शामिल हैं। इन्हें शनिवार को सोलोमन द्वीप समूह की राजधानी होनियारा ले जाया गया। पापुआ न्यू गिनी के उच्चायुक्त जॉन बालावू की देखभाल में डिहाड्रेशन के उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई।

उल्लेखनीय है कि जनवरी 2014 में सल्वाडोर के मछुआरे जोस अलवारेंगा मार्शल पानी में बह गए थे। वह मेक्सिको के पश्चिमी तट से एक साथी के साथ रवाना हुए थे। लेकिन 13 महीने के बाद उनके एक साथी की मौत हो गई थी।

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