अमेरिका। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इंटेलिजेंस एजेंसियों को 90 दिनों के अंदर यह पता लगाने का आदेश दिया है कि कोरोना वायरस कहां से फैला.

इससे पहले मंगलवार को अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्री ज़ेवियर बेसेरा ने वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में चीन का नाम लिए बग़ैर विश्व स्वास्थ्य संगठन से कहा था कि कोरोना वायरस कहां से फैला, इसकी जाँच का अगला चरण ‘पारदर्शी’ होना चाहिए.

कोविड-19 का सबसे पहला केस दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में दर्ज किया गया था. चीनी प्रशासन ने शुरुआती मामलों का संबंध वुहान की एक सीफ़ूड मार्केट से पाया था. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वायरस जानवरों से इंसानों में पहुँचा है.

मगर हाल में अमेरिकी मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक़, कुछ ऐसे सबूत हैं जो इस ओर इशारा करते हैं कि यह वायरस चीन की एक प्रयोगशाला से लीक हुआ है.

मगर चीन ने न सिर्फ़ ऐसी ख़बरों को झूठा बताया था बल्कि आरोप लगाया था कि हो सकता है कोरोना वायरस अमेरिका की किसी लैब से निकला हो.

अब राष्ट्रपति ने एंजेंसियों से कहा है कि अपनी कोशिशों को तेज़ करें और 90 दिनों के अंदर ऐसी जानकारी जुटाएं जिसके आधार पर किसी ठोस नतीजे के क़रीब पहुँचा जा सके.

आख़िर में उन्होंने कहा, “दुनिया भर में एक जैसी सोच रखने वाले सहयोगियों के साथ मिलकर चीन पर पूरी तरह पारदर्शी और साक्ष्य आधारित अंतरराष्ट्रीय जाँच में शामिल होने और सभी सबूतों को उपलब्ध करवाने के लिए दबाव डालते रहें.”

 

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