कुआलंपपुर। मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने मंगलवार को कहा कि वह कश्मीर पर अपने बयान से पीछे नहीं हटेंगे। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट से मिली।

विदित हो कि कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने पर महातिर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पिछले महीने नई दिल्ली की आलोचना की थी और पाकिस्तान का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि भारत ने अधिकृत कश्मीर पर हमला कर कब्जा कर लिया है जिस पर पाकिस्तान भी दावा करता है।

इसके बाद भारत ने मलेशिया से पाम आयल का निर्या कम करने की चेतावनी दी थी। हालांकि सरकार के स्तर पर आयात रोकने का कोई फैसला नही किया गया है, लेकिन भारतीय व्यापारियों ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए मलेशियाई पाम आयल का आयात नहीं करने का आह्वान किया है।

महातिर ने इस आह्वान को दुनिया के दूसरे सबसे बड़े खाद्य तेल के निर्यातक और सबसे बड़े निर्यातक के बीच करोबारी जंग की संज्ञा दी है। भारत इस साल मलेशियाई खाद्य तेल का सबसे बड़ा आयातक रहा है। इस साल मार्च तक भारत ने 10.8 अरब डॉलर मूल्य के खाद्य तेल का आयात मलेशिया से किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के शीर्ष वनस्पति तेल के निकाय ने सोमवार को अपने सदस्यों से मलेशिया से तेल आयत बंद करने का आह्वान किया।

महातिर ने मलेशियाई संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा कि वह अपने बयान से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा, ”हमें संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का पालन करना चाहिए। अन्यथा इस शीर्ष वैश्विक संस्था का क्या उपयोग है?”
हालांकि इस कारोबारी विवाद पर नई दिल्ली ने कोई अधिकारिक टिप्प्णी नहीं की है, लेकिन मलेशिया ने कहा कि वह इस बहिष्कार के प्रभवों का अध्ययन करेगा।

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