वाशिंगटन। कांग्रेस में डेमोक्रेट बहुल प्रतिनिधि सभा ने बुधवार को अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के विरुद्ध सत्ता के दुरुपयोग और कांग्रेस के कामकाज में बाधा पहुँचाने के आरोप में महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया।

अमेरिकी इतिहास में ट्रम्प तीसरे राष्ट्रपति हैं, जिनके विरुद्ध कांग्रेस के किसी सदन ने महाभियोग पारित किया है। अमेरिकी राजनीतिक इतिहास में अब तक किसी भी राष्ट्रपति को महाभियोग के जरिए नहीं हटाया गया। हालांकि अमेरिका के 17वें राष्ट्रपति एंड्रयू जॉन्सन और 42वें राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया चली थी, पर दोनों ही इससे बच गए थे। इस तरह अभी तक किसी भी राष्ट्रपति को उसके कार्यकाल के दौरान पद से हटाया नहीं जा सका है। ट्रम्प के खिलाफ लाए गए इस प्रस्ताव पर छह घंटों तक लगातार बहस हुई। डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्यों ने पार्टी लाइन पर ट्रम्प के सत्ता के दुरुपयोग और यूक्रेन को सशर्त आर्थिक रक्षा सहयोग दिए जाने पर कोसा तो रिपब्लिकन सांसदों ने कहा कि राष्ट्रपति की ओर से कोई अनैतिक अथवा असैंविधानिक कार्य नहीं हुआ है।

435 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी के 233 सदस्य हैं जबकि रिपब्लिकन पार्टी के 197 सदस्य हैं। इनके अलावा एक निर्दलीय है जबकि चार सीटें ख़ाली हैं। सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के नेता मिच मेक्नोल ने ट्वीट किया है कि वह इस मामले में गुरुवार की सुबह ट्रम्प से विचार विमर्श करेंगे। ट्रम्प ने मतदान की पूर्व संध्या पर प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी को बुरा-भला कहने के साथ-साथ प्रतिनिधि सभा सदस्यों से कहा था कि उन्होंने कोई ग़लत काम नहीं किया है।

तुलसी गाबार्ड ने मतदान में भाग नहीं लिया। हवाई से डेमोक्रेटिक सांसद और राष्ट्रपति पद के लिए संभावित उम्मीदवार भरतवंशी तुलसी गाबार्ड ने सदन में अपनी उपस्थिति तो दर्ज कराई लेकिन प्रस्ताव के समर्थन अथवा विरोध में मत देने से अपने को अलग रखा। उन्होंने कहा कि उन्हें महाभियोग की प्रक्रिया से गुरेज़ था। अब इस प्रस्ताव पर क्रिसमस की छुट्टियों के बाद संभवत: सीनेट में चर्चा होगी, जहाँ रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है। पेलोसी ने कहा है कि इस प्रस्ताव को सीनेट में भेजे जाने के मसले पर वह अपने सहयोगियों से चर्चा करेंगी।

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