वाशिंगटन। भारतीय विदेश सेवा में 1998 बैच के वरिष्ठ अधिकारी तरनजीत सिंह संधु अगले सप्ताह भारतीय राजदूत का पदभार संभालने जा रहे हैं। इसी समय अमेरिका और भारत के रिश्ते अपनी चरम सीमा पर हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 14 फ़रवरी से तीन दिवसीय यात्रा पर भारत जा रहे हैं।

संधु के समक्ष इस समय भारत -अमेरिका के बीच सामरिक और व्यापारिक रिश्तों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की चुनौती होगी। अमेरिका के लिए भारत 12वाँ बड़ा निर्यातक देश है, जबकि दसवाँ बड़ा आयातक देश है। सन 2017 तक दोनों देशों के बीच व्यापार और सेवा कारोबार 126.2 अरब डालर का कारोबार था, जो सन 2018 में बढ़कर 142.6 अरब डालर तक पहुँच गया । इसमें निर्यात 58.7 अरब डालर था, जबकि आयात 83.9 अरब डालर रहा। इस तरह अमेरिका को 25.2 अरब डालर का व्यापार घाटा हुआ।

संधु के 4 फ़रवरी को राजदूत का पदभार संभालने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। इससे पूर्व संधु 2017 से श्रीलंका के राजदूत थे। साथ ही वे वाशिंगटन डीसी स्थित दूतावास में दो बार विभिन्न पदों पर भी कार्य कर चुके हैं। वह संयुक्त राष्ट्र और जर्मनी में भी बतौर राजनयिक काम कर चुके हैं। भारतीय अमेरिकी बिज़नेस काउंसिल ने संधु की नियुक्ति का स्वागत किया है ।

श्री हर्षवर्धन श्रृंगला के विदेश सचिव का पदभार ग्रहण करने के बाद खाली हुई जगह पर तरनजीत सिंह की तीन दिन पूर्व अधिकृत तौर पर भारतीय राजदूत के रूप में नियुक्ति की गई थी, जबकि उनकी नियुक्ति के क़यास दो सप्ताह पूर्व लगाए जाने लगे थे।

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