दुबई। रूस की सरकारी कंपनी रॉस्टेक ने 140 हेलीकॉप्टर की खरीद के लिए भारत पर समझौता में देर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में सारी सूचनाएं मुहैया करा दी गई है।

समाचार एजेंसी रॉटर्स के मुताबिक, मुख्य कार्यकारी आंद्रे बोगिंस्की ने कहा कि अगर भारत नौसेना के के लिए खरीदे जाने वाले सौ हेलीकॉप्टर्स के ऑर्डर को इसके साथ जोड़ता है तो उसे काफी फायदा होगा।

विदित हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत केए 226 टी हेलीकॉप्टर की खरीद के लिए रूस के साथ साल 2015 में एक करार किया था जिसे रॉस्टेक कंपनी बनाएगी। इस करार के मुताबिक, रूस 40 हेलीकॉप्टर बना बनाया देगा, जबकि शेष सौ भारत में बनेगा।

इस बीच दोनों देशों के बीच नौसेना के लिए भी सौ हेलीकॉप्टर की खरीद को लेकर बातचीत आरंभिक चरण में है। दुबई एयर शो के दौरान बोगिंस्की ने रॉयटर्स से कहा कि सभी सूचनाएं उपलब्ध कराए जाने के बावजूद भारत ने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है। लेकिन कोई कारण समझ में नहीं आ रहा है। उन्होंने इस बात को दोहराया कि अगर सेना और नौसेना के आर्डर एक साथ कर दिए जाते हैं तो भारत को बड़ा फायदा होगा।

उन्होंने कहा कि नए वीआरटी -500 हेलीकॉप्टर अपनी पहली उड़ान साल 2021 में भरेगा और उन्हें यकीन है कि भारत और मध्यपूर्व देश इसमें दिलचस्पी लेंगे। रूस ने साल 2035 तक एक हजार वीआरटी हेलीकॉप्टर बेचने का लक्ष्य रखा है।

Show comments
Share.
Exit mobile version