इमरान खान ने अपनी बातचीत के दौरान कहा कि कश्मीर का दर्जा बदलने का कदम अवैध है और यह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन है. खबर के मुताबिक खान ने मलेशिया के प्रधानमंत्री से कहा, ‘‘भारत का कदम परमाणु हथियारों से लैस दो पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को और बिगाड़ेगा.’’

जियो न्यूज ने सोमवार को पाक विदेश कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के हवाले से कहा कि प्रधानमंत्री खान ने कश्मीर के हालात पर अपने मलेशियाई समकक्ष महातिर मोहम्मद के साथ बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की.

दावा, मलेशिया बनाए है पूरे मामले पर नज़र
खान ने अपनी बातचीत के दौरान कहा कि कश्मीर का दर्जा बदलने का कदम अवैध है और यह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन है. खबर के मुताबिक खान ने मलेशिया के प्रधानमंत्री से कहा, ‘‘भारत का कदम परमाणु हथियारों से लैस दो पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को और बिगाड़ेगा.’’

न्यूज चैनल के मुताबिक महातिर ने कहा कि मलेशिया कश्मीर में स्थिति की करीबी रूप से निगरानी कर रहा है और वह पाकिस्तान के साथ संपर्क में बने रहेंगे. महातिर ने यह भी कहा कि अगले महीने होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र और इससे इतर न्यूयार्क में खान के साथ एक बैठक को लेकर वह आशावादी हैं.

पाक मीडिया का दावा तुर्की ने किया जल्द समर्थन का दावा
पाक प्रधानमंत्री के कार्यालय ने कहा कि खान ने कश्मीर से जुड़े ताजा घटनाक्रम पर विश्व के नेताओं से संपर्क साधने की कोशिश के तहत तुर्की के राष्ट्रपति एरदोगन से भी बात की. खान के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि उन्होंने तुर्की के नेता से कहा कि कश्मीर के विशेष दर्जा में बदलाव करने की भारत की अवैध कार्रवाई का क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ेगा.
उन्होंने यह दोहराया कि पाकिस्तान कश्मीरी अवाम के आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए उनकी (कश्मीरियों की) उचित मांगों का कूटनीतिक, नैतिक और राजनीतिक समर्थन जारी रखेगा. बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति एरदोगन ने कश्मीर के घटनाक्रम पर चिंताएं साझा की और इस मुद्दे पर तुर्की के शीघ्र समर्थन का भरोसा दिलाया.

अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने मामला उठाएगा पाक
इस बीच, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने भी भारत के इस कदम की निंदा की और उसे खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान की यात्रा पर आने वाले अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ होने वाली बैठकों में इस मुद्दे को उठाया जाएगा. साथ ही, इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष भी उठाया जाएगा.

गौरतलब है कि भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को सोमवार को रद्द कर दिया. साथ ही, सरकार ने संसद में यह प्रस्ताव किया कि इस राज्य का विभाजन कर दो केंद्र शासित प्रदेश–जम्मू कश्मीर और लद्दाख– बनाया जाएगा.

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