छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए जीएसटी काउंसिल ने कम्पोजिशन स्कीम पर बड़ा फैसला किया है.छोटे कारोबारियों के लिए बड़ी खुशखबरी! जीएसटी काउंसिल ने कम्पोजिशन स्कीम को लेकर किया बड़ा ऐलान छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए जीएसटी काउंसिल ने कम्पोजिशन स्कीम पर बड़ा फैसला किया है
छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए जीएसटी काउंसिल ने कम्पोजिशन स्कीम पर बड़ा फैसला किया है. नए फैसले के तहत 50 लाख तक के सालाना टर्नओवर वाले सर्विस प्रोवाइडर 30 सितंबर तक कम्पोजीशन स्कीम (composition scheme) का फायदा उठा सकेंगे. इसका मतलब साफ है कि अब GST का भुगतान करने वाला कोई भी सर्विस प्रोवाइडर 30 सितंबर तक यह फैसला कर सकता है कि उसे जीएसटी की कंपोजीशन स्कीम में खुद को रजिस्टर कराना है या नहीं.आपको बता दें कि 50 लाख तक का कारोबार करने वाले सभी सर्विस प्रोवाइडर्स जीएसटी की कंपोजीशन स्कीम में खुद को रजिस्टर करा सकते हैं.

इससे क्या फायदा होगा- जीएसटी कंपोजीशन स्कीम में रजिस्टर्ड होने के बाद उन सर्विस प्रोवाइडर को 6 फीसदी की दर से जीएसटी का भुगतान करना होगा. आपको बता दें कि जीएसटी के तहत ज्यादातर सर्विसेज पर 12 फीसदी और 18 फीसदी का टैक्स लगता है.

जीएसटी कंपोजीशन स्कीम अब तक सिर्फ उन कारोबारियों और मैन्यूफैक्चर्रस को उपलब्ध थी जिनका सालाना कारोबार एक करोड़ रुपये तक है. इस सीमा को एक अप्रैल से बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये कर दिया गया है.

नए फैसले के तहत 50 लाख तक के सालाना टर्नओवर वाले सर्विस प्रोवाइडर 30 सितंबर तक कम्पोजीशन स्कीम (composition scheme) का फायदा उठा सकेंगे.स्कीम के तहत कारोबारियों और मैन्यूफैक्चर्रस को गुड्स पर सिर्फ एक फीसदी जीएसटी देना होता है. वैसे इन गुड्स पर 5 फीसदी, 12 फीसदी या 18 फीसदी का जीएसटी लगता है. ऐसे डीलरों को अपने ग्राहकों से जीएसटी लेने की अनुमति नहीं है. जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड 1.22 करोड़ कंपनियों और कारोबारियों में से 17.5 लाख ने जीएसटी कंपोजीशन स्कीम के विकल्प को चुना है.

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