अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने अपनी अर्थव्यवस्था को मंदी से बचाने के लिए 11 साल बाद बड़ा फैसला लेते हुए ब्याज दरें 0.25 फीसदी तक घटा दी हैं. इस फैसले का भारत समेत दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर होगा.

अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने अपनी अर्थव्यवस्था को मंदी से बचाने के लिए 11 साल बाद बड़ा फैसला लेते हुए ब्याज दरें 0.25 फीसदी तक घटा दी हैं. इस फैसले का भारत समेत दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर होगा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस फैसले से निवेशक भारतीय बाजारों की ओर फिर से आकर्षित होंगे. लिहाजा बॉन्ड और शेयर बाजार में तेजी की उम्मीद है. हालांकि, ट्रेड वॉर के चलते इसका फायदा मिलने की उम्मीद कम हैं, क्योंकि भारत समेत बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों के लिए अपना सामान बेचना सबसे बड़ी चिंता है और इसीलिए एक्सपोर्ट गिर रहा है.

11 साल बाद लिया बड़ा फैसला- अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने साल 2008 की मंदी के बाद पहली बार ब्याज दरें घटाई हैं. अर्थव्यवस्था में फिर किसी गिरावट की आशंका से बचने के लिए फेडरल रिजर्व ने यह कदम उठाया है. ब्याज दरों को 2 से 2.25 फीसदी के बीच रखना तय किया गया है, जिसका असर क्रेडिट कार्ड और कई तरह के लोन पर होगा.

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