नई दिल्ली। कोरोना से पूरी दुनिया जूझ रही है। इस बीच अच्छी खबर है कि भारत कोविड-19 की दवा बनाने के करीब पहुंच चुका है। हैदराबाद स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (आईआईसीटी) ने रेमेडिसविर के लिए स्टार्टिंग मैटेरियल यानी प्रमुख प्रारंभिक सामग्री (केएसएम) को सिन्थेसाइज्ड (संश्लेषित) किया है, जो कि सक्रिय दवा घटक विकसित करने की दिशा में पहला कदम है। आईआईसीटी ने सिप्ला जैसी दवा निर्माताओं के लिए प्रौद्योगिकी प्रदर्शन भी शुरू किया है, ताकि जरूरत पड़ने पर भारत में इसका निर्माण शुरू हो सके।

क्या हैं रेमेडिसवीर के तीन प्रमुख सामग्री

रेमेडिसविर के तीन प्रमुख प्रारंभिक सामग्री यानी केएमएस हैं- पायरोल, फुरोन और फॉस्फेट। आईआईसीटी के निदेशक डॉक्टर श्रीवरी चंद्रशेखर ने कहा कि केएसएम का संश्लेषण दवा बनाने में एक महत्वपूर्ण चरण है। बता दें कि भारत कोविड-19 के इलाज के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के सॉलिडैरिटी ट्रायल का हिस्सा है और इसे टेस्टिंग के लिए दवा की 1000 खुराक प्राप्त हुई हैं।

अमेरिका ने आपात इस्तेमाल की अनुमति दी

अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के मरीजों का उपचार के दौरान आपातकालीन स्थिति में रेमेडिसवीर दवा का उपयोग करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। एफडीए प्रमुख स्टेफन हान ने व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘हमने गुलीड (एक दवा कंपनी) को अस्पताल में भर्ती मरीजों के आपातकालीन उपयोग हेतु रेमेडिसवीर की आपर्ति के लिए के आवेदन दाखिल करने के लिए अधिकृत किया है।’

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