Patna : नेपाल में लगातार हो रही भारी बारिश के बाद कोसी बैराज के सभी 56 फाटक खोल दिये गये। इस चलते बिहार के बार्डर इलाकों कोसी और गंडक ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। इन नदियों में पानी का प्रवाह इतना तेज कि मानों जल प्रलय आने वाला हो। चंपारण से किशनगंज और सुपौल से कटिहार तक के 20 से अधिक जिलों में बाढ़ के हालात हो गए हैं। निचले इलाके में पानी तेजी से फैलने भी लगा है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार 13 जिलों के करीब 1 लाख 41 हजार की आबादी प्रभावित हुई है। बागमती के जलस्तर बढ़ने से शनिवार देर शाम सीतामढ़ी में बैरगनिया के रिंग बांध से दो जगहों पर रिसाव शुरू हो गया। उधर, नेपाल के करवाना व धर्मपुर में बागमती का बांध टूट गया। इससे बैरगनिया के लोग भी दहशत में है।

बता दें कि शनिवार को रात करीब 12 बजे कोसी में वीरपुर बैराज पर 6.02 लाख क्यूसेक जबकि गंडक में वाल्मीकिनगर बैराज पर पानी 5.57 लाख क्यूसेक से ऊपर पहुंच गया। हालात से निपटने के लिए सरकार ने सभी संबंधित जिलों को अलर्ट कर दिया है। जल संसाधन विभाग में वार रूम बनाया गया है। प्रधान सचिव संतोष मल्ल ने खुद कमान संभाल रखी है। यह वार रूम अगले 72 घंटे तक नदियों के प्रवाह, जलस्तर, तटबंधों पर नजर बनाये रखेगा। कोसी 56 और गंडक 21 सालों के बाद ऐसी उफान पर है। कोसी में साल 1968 में 5 अक्टूबर को जलस्राव 7.88 लाख क्यूसेक हो गया था। पहली बार कोसी का जलस्राव 7 लाख के पास पहुंचने के आसार हैं। गंडक का जलस्राव 2003 में 31 जुलाई को 6.39 लाख क्यूसेक पहुंचा था। 24 घंटे में कोसी का डिस्चार्ज 6.81 लाख व गंडक का 6 लाख से अधिक हो सकता है।

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