News Samvad : डायबिटीज के मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन आप अपने आहार में बदलाव और जीवनशैली में सुधार करके मधुमेह को नियंत्रित कर सकते हैं. एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में कहा गया है कि रोटी बनाने के लिए गेहूं का आटा गूंधते समय उसमें थोड़ा अलसी पाउडर मिलाने से ब्लड शुगर कंट्रोल में मदद मिल सकती है.

डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए गेहूं के आटे में अलसी के बीज का पाउडर मिलाकर रोटी बनाएं. अलसी के बीज का पाउडर फाइबर, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है. इसे आटे में मिलाकर रोटी बनाकर खाने से पोषण को बढ़ावा मिलता है.

गेहूं के आटे में अलसी के बीज मिलाने से पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है. अलसी में मौजूद फाइबर,पाचन में सहायता करता है और रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है. अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड भी होता है जो हृदय स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है. इस प्रकार, जब आप गेहूं के आटे में अलसी का पाउडर मिलाते हैं, तो आपको कई लाभ मिल सकते हैं और शरीर में पोषण बढ़ सकता है.

अलसी के पाउडर में नमी सोखने की प्राकृतिक क्षमता होती है. जब अलसी को गेहूं के आटे में मिलाया जाता है, तो यह आटे को नरम कर देता है , ऐसे में केक, परांठे और रोटी बनाते समय थोड़ा अलसी पाउडर मिलाने की सलाह दी जाती है.

अलसी के बीज रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं. इसमें मौजूद फाइबर की मात्रा ब्लड शुगर लेवल को बढ़ने से रोकती है। एनसीबीआई द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि अलसी के बीज डायबिटीज को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

अलसी के बीज के कइ अन्य फायदे है : इसके अलावा अलसी पीरियड्स, कब्ज और मानसिक थकान से जुड़े लक्षणों की गंभीरता को काफी कम करने में मदद करती है और त्वचा की देखभाल में भी मदद करती है.

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