जर्नल जियोफिजिक्स रिसर्च लेटर के अध्ययन में वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले वक्‍त में भीषण गर्मी की वजह से भारत के खाद्यान्न उत्पादन करने वाले बड़े क्षेत्र में काम करने की स्थिति घातक हो सकती है| उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कोलकाता, मुंबई, हैदराबाद और भी  तटीय इलाकों में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इससे बहुत से शहरों में भी हालात खराब होगी|

अध्‍ययन के सह लेखक मोइतसिम अशफाक का कहना है की दक्षिण एशिया का भविष्य मुश्किल भरा दिख रहा है और आने वाले इस संकट से केवल बचाव सिर्फ तापमान वृद्धि पर नियंत्रण करके ही पाया जा सकता है। मौजूदा ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को तेजी से कम करने की जरूरत है।

वही वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले वक्‍त में इस इलाके के लोगों को वेट बल्ब टेम्प्रेचर का सामना करना पड़ेगा। बता दें कि 32 डिग्री वेट बल्ब टेम्प्रेचर को असुरक्षित माना जाता है। इसके 35 डिग्री होने पर इंसान का शरीर खुद को ठंडा नहीं रख पाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि तापमान में दो डिग्री सेल्सियस का इजाफा लोगों के लिए असुरक्षित होगा|

 

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