– इसरो ने 20 सालों में 33 देशों के 319 उपग्रह छोड़ने का रिकॉर्ड बनाया : डॉ. सिवन
– भारत के रीसैट-2बीआर1 के साथ चार देशोंं के नौ उपग्रह भी किये गये लांच

नेल्लोरे (आंध्र प्रदेश)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने बुधवार को एक बार फिर से इतिहास रचा। इसरो ने दोपहर 3:25 बजे भारतीय उपग्रह रीसैट-2बीआर1 और चार अन्य देशों के 9 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया। यह प्रक्षेपण पीएसएलवी-सी48 रॉकेट के जरिए आंध्र प्रदेश में स्थित श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया गया। रीसैट-2बीआर1 से सीमाओं पर घुसपैठ पर नजर रखने के साथ ही हर मौसम में बादल और अंधेरे में साफ ली जा सकेंगी।

इसरो अध्यक्ष डॉ. सिवान ने बताया कि सभी उपग्रहों को सफलतापूर्वक लांच कर दिया गया है। इसके लिये इसरो की पूरी टीम बधाई की पात्र हैं। इसरो के अनुसार रिसैट-2बीआर1 एक रडार इमेजिंग निगरानी उपग्रह है। इस उपग्रह का भार 628 किलोग्राम है। इसके साथ अमेरिका के छह, इजराइल, इटली और जापान के एक-एक उपग्रह लांच किये गये हैं।

अध्यक्ष डॉ. सिवान ने कहा कि इसरो के नाम 20 सालों में 33 देशों के 319 उपग्रह छोड़ने का रिकॉर्ड बन गया है। 1999 से लेकर अब तक इसरो ने कुल 310 विदेशी सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में स्थापित किए हैं। आज के नौ उपग्रहों को मिला दें तो यह संख्या 319 हो जाएगी। इसके साथ ही अंतरिक्ष पर भारत की निगरानी की ताकत पहले से और अधिक बढ़ जाएगी।

इसरो का यह उपग्रह अब तक का सबसे ताकतवर रडार इमेजिंग सैटेलाइट है। रीसैट-2बीआर1 रडार इमेजिंग अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है। यह बादलों और अंधेरे में भी साफ तस्वीरें ले सकता है। अर्थ इमेजिंग कैमरे और रडार तकनीक के चलते यह मुठभेड़-घुसपैठ के वक्त सेना के लिए मददगार होगा। इस रडार की मदद से देश की सीमाओं पर नजर रखी जा सकेगी। यह हर मौसम में दुश्मनों की हरकत पर अपनी नजर बनाए रख सकता है। इसरो ने बताया कि रिसैट-2बीआर1 मिशन की लाइफ पांच साल की है।

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