कानपुर। विदेशी छात्रा के उत्पीड़न में प्रोफेसर की बर्खास्तगी, पाकिस्तानी कवि फैज की नज्म गाने के बाद अब एक बार फिर आईआईटी सुर्खियों में आ गया। अबकी बार यहां के छात्रों ने बिना अनुमति के जेएनयू के छात्रों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि शैक्षणिक संस्थान को राजनीति का अड्डा बनाया जा रहा है और इसी के तहत दिल्ली के जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हिंसा हुई और निहत्थे छात्रों को जमकर पीटा गया।

दिल्ली के जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में हुई हिंसा को लेकर पूरे देश के विश्वविद्यालयों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इसी क्रम में आमतौर पर विरोध प्रदर्शन से दूर रहने वाला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटी) भी अछूता नहीं रह सका। देर रात यहां के छात्रों ने एक बार फिर बिना अनुमति के जेएनयू के पक्ष में नुक्कड़ सभा कर विरोध प्रदर्शन किये और सोशल मीडिया में फोटो वायरल कर दी गयी। घटना की निंदा करने के साथ ही स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर कई छात्र मैदान में एकत्र हुए और बैठक में अपनी-अपनी बात रखी। छात्रों ने कहा कि जेएनयू जैसी घटना से शैक्षिक संस्थानों की छवि धूमिल हो रही है और हम लोग ऐसी हिंसा का विरोध करते हैं। यह भी कहा गया कि किसी भी मामले में अंहिसा की विचारधारा रखनी चाहिये। छात्रों की बैठक की तस्वीरें वायरल हुईं तो एक बार फिर सरगर्मियों की हवा तेज हो गई। वहीं आईआईटी प्रशासन ने फिलहाल कुछ नहीं कहा है। लेकिन, छात्रों के इकठ्ठा होकर बैठक करने की पुष्टि हुई है, जिसमें देश के माहौल और जेएनयू पर चर्चा करने, अहिंसा की बात तथा गीत-गजल गाने की बात कही गई है।

तीसरी बार सुर्खियों में रहा आईआईटी
आईआईटी कानपुर इन दिनों लगातार सुर्खियों में चल रहा है और एक माह में तीसरी बार उन घटनाओं को लेकर चर्चा में रहा जिससे संस्थान की छवि धूमिल हो रही है। पहली बार यहां की बीओजी कमेटी ने एक प्रोफेसर को जबरन बर्खास्त कर दिया और उस पर विदेशी छात्रा से उत्पीड़न का मामला सही पाया गया। इसके बाद दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्विद्यालय में छात्रों पर पुलिसिया हमले को लेकर यहां के छात्रों ने बिना अनुमति के विरोध प्रदर्शन किया। यही नहीं यह भी आरोप है कि छात्रों ने पाकिस्तानी कवि फैज की नज्म हम तो देखेंगे को भी गाया गया। जिसको लेकर कई दिनों तक आईआईटी चर्चा में रहा और अन्ततः आईआईटी प्रशासन को यह कहना पड़ा कि हम विरोध प्रदर्शन की जांच कर रहे हैं और फैज की नज्म हमारे जांच में नहीं है। अभी यह मामले चर्चा में बने ही रहे कि एक बार फिर यहां के छात्रों ने जेएनयू मामले को लेकर वहां के हिंसा पीड़ित छात्रों के पक्ष में खड़े दिखाई दिये और निंदा भी की।

आईआईटी प्रशासन ने साधी चुप्पी
बैठक में छात्रों ने कहा कि जेएनयू में जिस तरह से घटना हुई, उससे शिक्षण संस्थानों की छवि पर गहरा असर पड़ रहा है उनकी छवि धूमिल हो रही है। छात्रों ने हिंसा का विरोध करते हुए कहा कि किसी भी मामले में अंहिसा की विचारधारा रखनी चाहिये। वहीं आईआईटी प्रशासन यह नहीं समझ पा रहा है कि कैसे संस्थान की छवि बरकरार रखी जाये। हालांकि अभी भी आईआईटी प्रशासन कुछ भी बोलने से इंकार कर रहा है।

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