नई दिल्ली। उन्नाव रेप मामले में दोषी करार दिए गए विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। 20 दिसम्बर 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार देते हुए तीस हजारी कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि इस मामले में वो सारी मजबूरियां और लाचारियां हैं, जो दूरदराज में रहने वाली ग्रामीण महिलाओं के सामने अक्सर आती हैं। इनसे जूझकर लड़कियां और महिलाएं डर और शर्म से अपना नारकीय जीवन काटती हैं। कोर्ट ने कहा था कि हमारे विचार से इस जांच में पुरुषवादी सोच हावी रही है और इसी वजह से लड़कियों के खिलाफ यौन हिंसा और शोषण में जांच के दौरान संवेदनशीलता और मानवीय नजरिए का अभाव दिखता है।

यही वजह है कि जांच के दौरान इस मामले में कई जगह ऐसा लगा कि पीड़ित उसके परिवार वालों के साथ
निष्पक्ष जांच नहीं हुई। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीड़ित को पिछले 28 जुलाई को लखनऊ से दिल्ली एम्स में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया था। उससे पहले 11 और 12 सितम्बर को जज धर्मेश शर्मा ने एम्स के ट्रॉमा सेंटर में बने अस्थायी कोर्ट में पीड़ित लड़की का बयान दर्ज किया था।

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