नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए लोगों को इंजेक्शन के जरिए वैक्सीन दी जा रही है. लेकिन भविष्य में टैबलेट और इनहेलर के रूप में भी लोगों को वैक्सीन मिल सकती है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्वीडन के सबसे बड़े साइंस पार्क ने इन्जेमो एंडरसन के नेतृत्व में इस पर काम करना शुरू कर दिया है. वो प्लास्टिक का एक ऐसा स्लिम इनहेलर बना रही हैं जिसका साइज माचिस के डिब्बी से भी आधा है. एंडरसन और उनकी टीम को उम्मीद है कि ये छोटा सा इनहेलर कोरोना से जंग पूरी दुनिया के लिए एक मजबूत हथियार की तरह काम करेगा. इस इनहेलर के जरिए लोग वैक्सीन को एक पाउडर वर्जन में अपने घर ला सकेंगे.

फर्म के सीईओ जोहन वोबोर्ग ने बताया कि ये बहुत सस्ती और आसानी से प्रोड्यूस होने वाली तकनीक है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर अस्थमा के मरीज करते हैं. उन्होंने कहा, ‘आप केवल इस पर लगी एक छोटी से प्लास्टिक स्लिप को हटाइए और ये इनहेलर एक्टिवेट हो जाएगा. इसके बाद इसे मुंह से लगाइए और सांस लीजिए. ये इनहेलर वैक्सीन नाक से लेकर फेफड़ों तक अपना असर दिखाएगी.’

Iconovo नाम की एक कंपनी ने स्टॉकहोम में एक इम्यूनोलॉजी रिसर्च स्टार्टअप ISR के साथ एक समझौता किया है, जिसने कोविड-19 के खिलाफ ड्राई-पाउडर वैक्सीन विकसित की है. यह कोविड-19 के वायरस प्रोटीन्स का इस्तेमाल करते हैं (फाइजर, मॉडर्ना, एस्ट्राजेनेका जैसे वैक्सीन RNA या DNA का इस्तेमाल करते हैं जो इन प्रोटीन्स के लिए कोड हैं).

 

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