-महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की तरफ से उचित समय न मिलने की शिकायत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है याचिका
नई दिल्ली। शिवसेना महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की तरफ से उचित समय न मिलने की शिकायत वाली अपनी याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग नहीं करेगी। पार्टी के वकील ने कहा है कि राष्ट्रपति शासन के बाद पुरानी याचिका मेंशन करने का मतलब नहीं रह गया है। राष्ट्रपति शासन को चुनौती देने को याचिका दाखिल करने का अभी फैसला नहीं हुआ है।
शिवसेना ने अपनी याचिका में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें राज्यपाल ने समर्थन का पत्र देने के लिए समय देने से इनकार कर दिया था। शिवसेना ने राज्यपाल से कहा था कि उसे एनसीपी और कांग्रेस के समर्थन के लिए तीन दिनों का समय दिया जाए जिसे राज्यपाल ने खारिज कर दिया।
शिवसेना ने अपनी याचिका में कांग्रेस और एनसीपी को भी पक्षकार बनाया है। शिवसेना ने कहा है कि राज्यपाल सरकार बनाने का दावा करने वाली पार्टी को विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने का अवसर दिए बिना ये फैसला नहीं कर सकते हैं कि किसके पास बहुमत है और किसे नहीं। शिवसेना ने याचिका में कहा है कि राज्यपाल बीजेपी के इशारों पर काम कर रहे हैं। उन्होंने बीजेपी को 48 घंटे दिए, जबकि शिवसेना को महज 24 घंटे का समय दिया।
महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों में से शिवसेना के पास 56 सीटें हैं, जबकि एनसीपी के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 सीटें हैं। राज्य में सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 145 का है।