नई दिल्ली। सावन का महीना चल रहा है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, सावन का महीना पूजा और अनुष्ठान करने के लिए सबसे सर्वोत्तम महीना माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार, सालभर पूजा ना करने वाले अगर इस महीने भगवान शिव की आराधना करते हैं तो पूरे वर्ष भर उनका जीवन खुशियों से भर जाता है. कहा जाता है सावन के महीने में पड़ने वाले व्रतों का महत्व भी कई गुना बढ़ जाता है.

ऐसे में हरियाली तीज का व्रत बहुत ही महत्व रखता है. माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था. इस बार हरियाली तीज का त्योहार 11 अगस्त दिन बुधवार को मनाया जाएगा. आइए जानते हैं कि क्या है हरियाली तीज के व्रत का महत्व और पूजन विधि.

हरियाली तीज का महत्व:
हरियाली तीज का पर्व हर साल श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इसे श्रावणी तीज भी कहते हैं. ये व्रत अत्यंत पावन और फलदायी व्रत माना जाता है. क्योंकि मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था. हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर अपने पति की लम्बी उम्र और सुख समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं.

सुहागिन महिलाओं के लिए हरियाली तीज का बहुत खास महत्व होता है. इस दिन महिलाएं पूरी श्रद्धा से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करती हैं. पूजा में श्रृंगार की वस्तुएं मां पार्वती को चढ़ाई जाती हैं. इसके बाद हरियाली तीज की कथा सुनकर जेठानी, सास या अपने से बड़ी महिलाओं का आशीर्वाद लेकर उन्हें उपहार भेंट करती हैं. इस तरह से इस व्रत का विधि-विधान पूर्ण माना जाता है.

हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त
तृतीया तिथि 10 अगस्त 2021 को शाम 6 बजकर 3 मिनट से शुरू होकर 11 अगस्त 2021 को शाम 5 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगी. पंडित दिवाकर त्रिपाठी के अनुसार, 11 अगस्त को पूजा करने कुछ शुभ योग बन रहे हैं. पहला बृह्म महुरत में सुबह 4 बजकर 24 मिनट से 5 बजकर 17 मिनट तक है. दूसरा विजया महुरत में दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 7 मिनट तक. इसके अलावा, रवि योग भी बन रहा है. ये सुबह 10 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर रात तक रहेगा.

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