रांची। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रदेश अध्यक्ष नाथू गाड़ी के नेतृत्व में विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश शरण को पद से तत्काल हटाने की मांग राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से की है। अभाविप के नेताओं ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है और कहा है कि विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह में जिस प्रकार असंवैधानिक कृत्य हुए हैं उससे छात्र समुदाय में काफी असंतोष है। कहा कि गत 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 व 35 ए हटाए जाने के बाद विश्वविद्यालय में षडयंत्र रची गई। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल के निर्देशों की अवहेलना से शिक्षा जगत स्तब्ध है। जिसके लिए कुलपति खुद जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा कि धारा 370 और 35 ए को खत्म किए जाने के नाम पर गहरी साजिश की गई। विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को बीच में स्थगित करना है गहरे षडयंत्र की ओर इशारा करता है। समारोह को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न किया जा सकता था लेकिन कुलपति ने जाबबूझकर हजारीबाग में संप्रदायिक सद्भाव खंडित करने का प्रयास किया। उनके निर्णय के कारण दूर दराज के छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार एवं राज्यपाल का स्पष्ट उल्लेख है कि दीक्षांत समारोह पूर्ण भारतीय परिधान में आयोजित करना है इसके बावजूद विनोबा भावे विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल के निर्देशों को ताक पर रखते हुए प्रतिबंधित काले कपड़े में छात्रों को उपाधि प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
इसके साथ ही अभाविप ने मांग किया कि कुलपति रमेश शरण के नक्सली नेता जां द्रेज और अर्बन नक्सल नेता स्टैंड स्वामी से संबंधों की जांच कराई जाए।
मौके पर डॉक्टर पंकज कुमार, याज्ञवल्क्य शुक्ल, डॉ श्रवण कुमार सिंह, दीपेश कुमार, संजय मेहता, नवलेश कुमार सिंह और अमित चौबे मौजूद थे।