हजारीबाग। माकपा के जिला सचिव गणेश कुमार सीटू ने कहा है कि एक तरफ झारखंड दूसरे प्रदेशों के लोगों की जान बचाने के लिए लगातार ऑक्सीजन देकर तमाम झारखंडियों को गौरवान्वित कर रही है। वहीं दूसरी ओर शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर, रेगुलेटर की चोरी की घटना ना सिर्फ हजारीबाग बल्कि पूरे झारखंड को पूरे देश में शर्मसार कर दिया है। इतनी बड़ी शर्मनाक घटना के बावजूद स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा सिविल सर्जन सहित अन्य पदाधिकारियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं किया जाना यह बताता है कि इस शर्मनाक घटना से स्वास्थ्य मंत्री पर कोई असर नहीं हुआ है।

यही कारण है कि स्वास्थ्य मंत्री जी घटना के 48 घंटा से अधिक गुजर जाने के बाद भी इस घटना पर मुंह खोलना भी मुनासिब नहीं समझे हैं। हजारीबाग उपायुक्त ने कोविड-19 के मरीजों के बेहतर इलाज, तत्काल ऑक्सीजन की व्यवस्था करने एंव अन्य सुविधाओं के लिए अपने पत्रांक 14 दिनांक 16 अप्रैल 21 के द्वारा 7 टीम गठित किए थे। उसमें से एक महत्वपूर्ण टीम ऑक्सीजन सप्लाई एंड लॉजिस्टिक एंड मेडिकल एक्युपमेंट टीम थी। इस टीम में सदर अनुमंडल पदाधिकारी, सिविल सर्जन और जिला लेखा प्रबंधक को ऑक्सीजन सप्लाई एवं इसकी रखरखाव की पूरी जिम्मेवारी दी गई थी।

जब इनको जिम्मेवारी दी गई थी तो फिर इतनी बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर और रेगुलेटर की चोरी कैसे हो गई और कौन है इसका जिम्मेवार? इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि उपरोक्त कमेटी के सारे पदाधिकारी इस महामारी में अपने जिम्मेवारी का निर्वहन ठीक से नहीं किया और ऑक्सीजन के अभाव में कई गरीब लोग और पत्रकार की अकाल मृत्यु हो गई है। इसलिए पार्टी जिला कमेटी मांग करती है की ना सिर्फ ऑक्सीजन सिलेंडर और रेगुलेटर बल्कि मार्च 2020 से लेकर आज तक शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में जितनी चीज की खरीददारी हुई है सभी की ऑडिट स्वतंत्र जांच एजेंसी से करवा कर जांच को सार्वजनिक किया जाए। पार्टी का स्पष्ट मानना है किस अस्पताल में अधिकारियों की मिलीभगत से ना सिर्फ ऑक्सीजन सिलेंडर, रेगुलेटर बल्कि ऑक्सीजन मास्क, ऑक्सीमीटर, गल्बस, डिस्पोजल बेडशीट, तमाम तरह के मास्क, दवा सेनीटाइजर, रेमिडेसिविर इंजेक्शन की भी बड़ा घोटाला हुआ है। अगर इसकी जांच तत्काल स्वास्थ्य मंत्री जी नहीं करवाते हैं तो लॉक डाउन के बाद पार्टी इस पक आंदोलन करेगी।

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