रांची। रांची विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य सह शोधार्थी छात्र अटल पाण्डेय ने उन शिक्षाविदों पर कड़ा हमला बोला है, जो कम्युनिस्ट, अर्बन नक्सली, धोखेबाज, छात्र विरोधी, तानाशाह डा. रमेश शरण का बचाव कर रहे हैं।

उन्होंने कहा की डा. रमेश शरण के साथ अबतक कोई दुर्व्यवहार अखिल विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी )के द्वारा नहीं किया गया है। लोकतंत्र में सबको विरोध का अधिकार प्राप्त है। डा. रमेश शरण पर जिस तरह के गम्भीर आरोप लगाए जा रहे हैं। उसके अनुसार राष्ट्रवादी छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोगों ने कुछ किया ही नहीं है।

आज जो शिक्षाविद आगे आकर डा. रमेश शरण के पक्ष में बोल रहे हैं या विरोध की निंदा कर रहे हैं उनसे पूछना चाहता हूँ की तब कहां गए थे जब छात्रों के उपर लाठियां बरसाई गई, कितनों का खून बहा।

तब कहां थे जब बासी नाश्ता, जानवरों की तरह फेंककर दिया गया।

तब कहां रहते हैं जब छात्रों का क्लास नहीं होता, शिक्षकों की कमी हो, पेयजल, लाइब्रेरी, शौचालय, कार्यशाला, प्रयोगशाला आदी सुविधा नहीं दी जाती है। तब तो ये शिक्षाविद नजर नहीं आते हैं।

ये जो अपने आपको शिक्षाविद कहतें हैं, जिन्हें छात्रहितों से कोई सरोकार नहीं है। ये सब बस मतलबी लोग हैं।

महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय छात्रों के लिए है परन्तु कुछ लोग इसे अपनी जागिर समझने लगते हैं। ऐसे लोगों का जो भी समर्थन करते हैं उनकी बातों को सिरियस रूप से लेने की जरुरत नहीं है।

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