रांची। वामदलों ने शनिवार को झारखंड को सूखाग्रस्त करने सहित अन्य जनमुद्दों को लेकर राजभवन मार्च किया। भाकपा, माकपा, माले और मार्क्सवादी कॉर्डिनेशन कमिटी के बैनर तले शहीद चौक से मार्च निकाला गया, जो राज भवन के समक्ष जाकर आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन के साथ सभा में तब्दील हो गया। सभा की अध्यक्षता भाकपा राज्य के सहायक सचिव महेंद्र पाठक ने किया।

मौके पर भाकपा के राज्य सचिव भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि राज्य में सुखाड़ की स्थिति है । कम बारिश होने के कारण 20 से 25 प्रतिशत भी धान की रोपनी नहीं हो सकी, लेकिन सरकार विकास के नाम पर अपना पीठ थपथपा रही है । नए मोटर कानून लाकर जनता को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव के डर से तीन महीनों के लिए कानून को स्थगित किया गया। चुनाव के बाद फिर पुलिस का आतंक और सरकार की मनमानी चलेगी।

उन्होंने कहा कि राज्य में 300000 एकड़ गैरमजरूआ जमीन जो सीएनटी एक्ट की धारा 64 ए के तहत कोड कर राइट में अधिकार किसानों को प्राप्त है । उसे बेदखल करते हुए लैंड बैंक बनाकर बड़े-बड़े उद्योगपतियों को जमीन सौंपी जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से गोला गोलीकांड में शहीद रामलखन महतो को पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सांप काटना बताया गया था, उसी तरह तबरेज की हत्या में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक बता कर हत्यारों की बचाने की कोशिश की जा रही है।

मेहता ने अविलंब झारखंड को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करते हुए राहत कार्य चलाने, बंद पड़े गैर मजरुआ जमीन रसीद को अविलंब चालू करें और नया मोटर कानून को बंद करने की मांग की।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के कारण आज देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है। कल कारखाने बंद हो रहे हैं ,मजदूरों की छंटनी हो रही है। आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका और पारा टीचर सभी आंदोलन पर हैं। मोदी की सरकार में लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने आने वाले विधानसभा चुनाव में लोगों से सरकार को बदलने की अपील की।

माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने कहा कि झारखंड के अंदर गरीबी, भुखमरी और आर्थिक तंगी चरम पर है, लेकिन राज्य सरकार मोदी को झारखंड में लाकर चुनाव जीतना चाहती है। इसलिए विधानसभा चुनाव में रघुवर सरकार को उखाड़ फेंके। माकपा के राज्य सचिव मंडल के नेता प्रकाश विप्लव ने मोदी सरकार को मजदूर विरोधी ,किसान विरोधी, जन विरोधी बताया।

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