खूंटी। विधानसभा चुनाव की तिथि निकट आते ही अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित खूंटी और तोरपा विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक हलचल परवान चढ़ने लगी है। खूंटी सीट से तो राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री व वर्तमान विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा को भाजपा का टिकट मिलना तय माना जा रहा है, पर तोरपा सीट के लिए पार्टी में टिकट के दावेदारों की फेहरिस्त काफी लंबी है। वैसे तोरपा से पूर्व विधायक कोचे मुंडा रेस में सबसे आगे बताये जाते हैं। कोचे मुंडा एक बार संयुक्त बिहार विधानसभा में और एक बार झारखंड विधानसभा में तोरपा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में वह झामुमो के विधायक पौलुस सुरीन से महज 42 वोटों से हार गये थे।

वैसे भी कोचे मुंडा की छवि काफी स्वच्छ मानी जाती है, पर पार्टी के ही कुछ लोगों का आरोप है कि पूर्व विधायक तोरपा में कुछ गिने-चुने कार्यकर्ताओं को ही तरजीह देते हैं। इस आम कार्यकर्ता खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं। वैसे तोरपा विधानसभा सीट से पार्टी टिकट के लिए पूर्व सांसद कड़िया मुंडा के बेटे जगन्नाथ मुंडा भी टिकट के प्रबल दावेदार बताये जाते हैं। उनके अलावा जिला परिषद सदस्य जयमंगल गुड़िया, रनिया मंडल के अध्यक्ष निखिल कंडुलना, बानो मंडल अध्यक्ष अजीत टोपनो, रूप लक्ष्मी मुंडा, मानू मुंडा सहित कई संभावित दावेदार बताये जाते हैं।
गठबंधन को लेकर विपक्षी दलों में असमंजस की स्थिति
विपक्षी गठबंधन द्वारा अब तक इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि झामुमो, कांग्रेस, झाविमो जैसे दल मिल कर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं। इसके कारण टिकट के दावेदार भी ऊहापोह की स्थिति में हैं। राजनीति के जानकार कहते हैं कि दो लोकसभा चुनाव में गठबंधन का हश्र पार्टी के नेता देख चुके हैं। इसलिए यदि सभी अलग-अलग चुनाव लड़ें, तो शायद किसी को आश्चर्य न हो। वैसे झामुमो से कर्रा पंचायत के मुखिया अजय टोप्पो की दावेदारी को खूंटी में काफी मजबूत माना जा रहा है। कांग्रेस से बैजनाथ मुंडा, पीटर मुंडू, सुशील सांगा सहित कई दावेदार ताल ठोंक रहे हैं। दो बार से तोरपा का प्रतिनिधित्व कर रहे विधायक पौलुस सुरीन का टिकट तय माना जा रहा है, लेकिन पार्टी निर्देश से हट कर काम करने को लेकर चर्चा में रहे विधायक पौलुस सुरीन ने खूंटी लोकसभा चुनाव और कोलेबिरा उप चुनाव में पार्टी के निर्णयों का खुलकर विरोध किया था। विधायक के विरोधी कहते हैं कि यह उनके खिलाफ जाता है, लेकिन गुरुवार को झामुमो की परिवर्तन यात्रा में पौलुस सुरीन ने ऐतिहासिक भीड़ जमाकर अपनी दावेदारी को और मजबूत कर ली है। कांगे्रस से पुनित हेंब्रम सहित

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