नई दिल्ली। लोग लाइब्रेरी से अपने घर किताब पढ़ने के लिए ले जाते हैं और फिर कुछ दिनों बाद उसे वापस कर देते हैं. लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कोई शख्स पचास साल बाद किताब लाइब्रेरी में वापस करे और उसका पूरा भुगतान भी कर दे.

अधिकारियों ने कहा कि आधी सदी पहले ले जायी गई एक किताब को गुमनाम रूप से उत्तरपूर्वी पेंसिल्वेनिया के एक पुस्तकालय में लौटाया गया है. विल्केस-बैरे सिटीजन्स वॉयस की रिपोर्ट के मुताबिक बर्टन हॉब्सन की लिखी गई किताब “कॉइन्स यू कैन कलेक्ट” की 1967 की प्रति पिछले महीने लुज़र्न काउंटी के प्लायमाउथ पब्लिक लाइब्रेरी में 20 डॉलर यानी की 1,483 रुपये बिल के साथ भेजी गई.

 

किताब के साथ में एक अहस्ताक्षरित पत्र भी था जिसमें लिखा गया था, “पचास साल पहले (हाँ 50!), एक छोटी लड़की ने 1971 में इस किताब को लाइब्रेरी से लिया था.

चिट्ठी में किताब को संबोधित करते हुए लिखा गया है, जैसा कि आप देख सकते हैं, उसने मेरी बहुत अच्छी देखभाल की,” चिट्ठी लिखने वाली महिला ने आगे लिखा है कि वह अक्सर किताब को वापस भेजने का इरादा रखती थी, लेकिन किसी भी तरह से ऐसा मौका उसे नहीं मिल पा रहा था.

पत्र लिखने वाली लेखिका ने आगे कहा कि वह जानती थी कि उसे 20 डॉलर का जुर्माना नहीं लगेगा लेकिन उसने इस उम्मीद में भेजा कि “शायद आप इससे कुछ और बच्चों के जुर्माने का भी भुगतान कर सकें.

 

पुस्तकालय की निदेशक लौरा केलर ने कहा कि उसने ठीक वैसा ही किया, एक युवा मां के “भारी जुर्माना” का भुगतान किया, जो फिर से किताबें उधार लेना शुरू करना चाहती थी. उन्होंने कहा कि अगर जुर्माना  5 डॉलर से अधिक है, तो पुस्तकालय में उधार लेने के अधिकार को निलंबित कर दिया जाता है.

 

केलर ने कहा कि पत्र और किताब दोनों जल्द ही पुस्तकालय में प्रदर्शित होंगे. लेखिका की पहचान रहस्य बनी हुई है, हालांकि उसने कहा कि अगर यह कहानी अखबार में प्रकाशित हुई है तो उसके परिवार और दोस्तों को पता होगा.

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