इससे पहले 2014 में 22 हजार करोड़ रुपए में बीट्स इलेक्ट्रोनिक्स को खरीदा था
इंटेल की डील से एपल खुद स्मार्टफोन चिप बना पाएगी, सप्लायर पर निर्भरता घटेगी
एपल की प्रतिद्वंदी कंपनियां सैमसंग और हुवावे खुद की बनाई चिप इस्तेमाल करती हैं
कैलिफॉर्निया. एपल 1 अरब डॉलर (6900 करोड़ रुपए) में इंटेल के मोडेम डिविजन की बड़ी हिस्सेदारी खरीदेगी। दोनों कंपनियों ने गुरुवार को डील का ऐलान किया। यह एपल का अब तक का दूसरा बड़ा सौदा है। इससे पहले 2014 में 3.2 अरब डॉलर (22000 करोड़ रुपए) में बीट्स इलेक्ट्रोनिक्स को खरीदा था।

एपल के पोर्टफोलियो में वायरलेस टेक्नोलॉजी पेटेंट की संख्या 17000 हो जाएगी
मोडेप चिप आईफोन जैसी डिवाइस को वायरलैस डेटा नेटवर्क से कनेक्ट करती हैं। इसके लिए एपल सप्लायर पर निर्भर है। लेकिन, इंटेल के मोडेम डिविजन को खरीदने से एपल खुद स्मार्टफोन चिप बना पाएगी।

इस डील से स्मार्टफोन के प्रमुख कंपोनेंट में एपल का वर्चस्व बढ़ जाएगा। उसके वायरलेस टेक्नोलॉजी पेटेंट की संख्या 17,000 हो जाएगी। इनमें सेलुलर कम्युनिकेशंस स्टैंडर्ड से लेकर मोडेम तक के पेटेंट शामिल हैं।

डील के तहत इंटेल की इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी, उपकरण और लीज एपल के हिस्से में आ जाएंगे। इंटेल के 2,200 कर्मचारी भी एपल से जुड़ जाएंगे। डील पूरी होने के बाद इंटेल के पास नॉन स्मार्टफोन एप्लिकेशंस जैसे- पीसी, इंडस्ट्रियल इक्विपमेंट और सेल्फ ड्राइविंग कार के लिए मोडेम डेवलप करने का अधिकार रहेगा।

अप्रैल में एपल और क्वालकॉम का पेटेंट संबंधी विवाद सेटल होने के बाद दोनों कंपनियों ने कहा था कि एपल क्वालकॉम से मोडेम खरीदना फिर से शुरू करेगी। उसी समय इंटेल ने कहा था कि वह स्मार्टफोन मोडेम के बिजनेस से बाहर निकलेगी। एपल की प्रतिद्वंदी कंपनियां सैमसंग और हुवावे खुद ही मोडेम चिप बनाती हैं।

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