नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में ये स्वीकार किया कि उनके कार्यकाल में पाकिस्तान के हालात बेहद खराब हुए हैं. इमरान खान ने कहा कि सरकार के पास देश चलाने के लिए पैसा नहीं है और इसलिए उन्हें दूसरे देशों से लोन लेना पड़ता है. इमरान खान ने कहा कि बढ़ता विदेशी कर्ज और टैक्स रिवेन्यू में कमी कहीं ना कहीं राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बन चुका है और सरकार के पास लोगों के कल्याण पर खर्च करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं.
ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, फेडरल बोर्ड ऑफ रिवेन्यू के पहले ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम के उद्घाटन समारोह के चलते इमरान खान इस्लामाबाद में मौजूद थे. उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा कि ‘हमारी सबसे बड़ी समस्या यह है कि हमारे पास अपने देश को चलाने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है, जिसके कारण हमें कर्ज लेना पड़ता है. उन्होंने खेद जताते हुए कहा कि टैक्स का भुगतान न करने की संस्कृति औपनिवेशिक काल की विरासत है जब लोग टैक्स देना पसंद नहीं करते थे क्योंकि उन्हें लगता था कि उनका पैसा उन पर खर्च नहीं किया जा रहा है. बता दें कि ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम तंबाकू, उर्वरक, चीनी और सीमेंट सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों के उत्पादन और बिक्री की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी सुनिश्चित करेगा. पाक को उम्मीद है कि इससे व्यवस्था में पारदर्शिता लाने और राजस्व वृद्धि में मदद मिलेगी.
इमरान खान ने इसके अलावा पिछली सरकारों पर भी ठीकरा फोड़ा. इमरान खान ने साल 2009 से 2018 तक की पिछली दो सरकारों की जमकर आलोचना करते हुए कहा कि स्थानीय संसाधनों को उत्पन्न करने में विफलता के कारण पिछली सरकारों ने लोन का सहारा लिया था. उन्होंने कहा कि इन सरकारों ने काफी बड़ी धनराशि लोन में ली थी.
इमरान खान ने ब्रिटेन का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां के नेता लोगों के पैसों को लेकर संवेदनशील हैं लेकिन पाकिस्तानी नेताओं में ऐसा नहीं दिखता है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से 50 गुना अधिक आय वाले ब्रिटेन के मंत्री जब विदेश जाते हैं तो वे इकॉनोमी क्लास का उपयोग करते हैं. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जब अमेरिकी यात्रा पर जाते हैं तो देश का पैसा बचाने के लिए यूके के दूतावास में रुकते हैं. उन्हें ये पता होता है कि वो जनता का पैसा इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन पाकिस्तान में, दुर्भाग्य से ये संस्कृति कभी विकसित नहीं हुई. हमारे शासकों ने कभी लोगों को टैक्स का भुगतान करने के लिए प्रोत्साहन नहीं दिया. लोगों को ये समझना होगा कि पाकिस्तान टैक्स के सहारे ही कर्ज और लोन के दुष्चक्र से बाहर आ सकता है.
उन्होंने टैक्स कलेक्शन के लिए एफबीआर की तारीफ भी की और कहा कि सरकार इस साल 8 ट्रिलियन रूपयों का टैक्स टारगेट रख रही है. इमरान ने ये भी कहा कि वे टीटीएस को भी लॉन्च करना चाहते हैं जो साल 2008 से ही अटका हुआ है. टीटीएस के तहत बिना स्टांप और व्यक्तिगत पहचान चिह्न के फैक्ट्री और मैन्युफैक्चरिंग प्लांट से चीनी का कोई भी प्रोडक्शन बैग नहीं निकाला जाएगा.