अयोध्या। पीएम ने कहा मुझे तो यहां आना ही था। क्योंकि ‘राम काज कीनु बिन मोहि कहां विश्राम’। यह मेरा सौभाग्य है कि इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने का निमंत्रण मिला। आज कन्याकुमारी से क्षीरभवानी, कोटेश्वर से कामाख्या, जगन्नाथ से केदारनाथ, सोमनाथ से काशी विश्वनाथ तक पूरा भारत राममय है।
देशभर के धामों, मंदिरों से लाई गई मिट्टी, नदियों का जल वहां के लोगों की भवानाएं यहां की अमोघ शक्ति बन गई है। वाकई ये न भूतो, न भविष्यति। भारत की आस्था, भारत के लोगों की सामूहिकता और इसकी अमोघ शक्ति पूरी दुनिया के लिए अध्ययन का विषय है।
आज देशभर के लोगों के सहयोग से राम मंदिर निर्माण का यह पुण्य कार्य शुरू हुआ है। जैसे पत्थरों पर श्रीराम लिखकर राम सेतु बनाया गया था। वैसे ही घर-घर, गांव-गांव से श्रद्धापूर्क पूजी शिलाएं यहां ऊर्जा का श्रोत बन गई है।
विश्व के कई लोग खुद को राम से जुड़ा हुआ मानते हैं। कंबोडिया, थाईलैंड, मलेशिया, ईरान में भी राम कथाओं का विवरण मिलेगा। नेपाल और श्रीलंका में तो राम का आत्मीय संबंध जुड़ा है। राम दुनिया के हर रूप में रचे-बसे हैं।
पीएम मोदी ने कहा- राम विभिन्न रूपों में मिलेंगे। वह भारत की अनेकता में एकता के सूत्र हैं। तमिल, मलयालम, बांग्ला, कश्मीर, पंजाबी में राम हैं।
पीएम मोदी ने कहा- तुलसी के राम सगुण राम हैं। नानक और कबीर के राम निर्गुण राम हैं। आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी के रघुपति राम हैं।
भारत की आस्था में राम, दिव्यता में राम, दर्शन में राम हैं। राम भारत की आत्मा हैं- पीएम मोदी
पीएम ने कहा- जैसे दलित, पिछड़ों, आदिवासियों हर वर्ग ने आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी को सहयोग किया। विदेश आक्रांताओं के खिलाफ राजा सुहेलदेव का सहयोग मिला। उसी तरह सबके सहयोग से राम मंदिर का निर्माण हो रहा है।
इतिहास खुद को दोहरा भी रहा है। गिलहरी से लेकर वानर, केवट के वनवासी बंधुओं को राम का साथ मिला।
आज का यह दिन करोड़ों रामभक्तों के संकल्प की सत्यता का प्रमाण है। आज का यह दिन सत्य, अहिंसा और आस्था, बलिदान को न्यायप्रिय भारत की अनुपम भेंट है। कोरोना के कारण यह कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच हो रहा है। राम के काम में मर्यादा का जैसा उदाहरण पेश किया जाना चाहिए, देश ने वैसा ही किया। इसी मर्यादा का पालन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी किया गया था। तब सभी देशवासियों ने शांति के साथ सभी की भावनाओं का ध्यान रखते हुए व्यवहार किया है। आज भी वही मर्यादा देखी जा रही है।
राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया वर्तमान को अतीत से, स्व को संस्कार से, नर को नारायण से जोड़ने का प्रतीक है। युगों-युगों तक कीर्तिपताका फहराती रहेगी। सत्य, अहिंसा, बलिदान को न्यायप्रिय भारत की देन है।
आस्था, श्रद्धा, संकल्प की प्रेरणा देता रहेगा। केवल अयोध्या की भव्यता नहीं बढ़ेगी। पूरे क्षेत्र का अर्थतंत्र बदल जाएगा। पूरी दुनिया से लोग यहां प्रभु राम और माता सीता का दर्शन करने आएंगे।
श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा। हमारी शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा। यह मंदिर करोड़ों लोगों की सामूहिक शक्ति का प्रतीक भी बनेगा। यह आने वाली पीढ़ियों को साधना और संकल्प की प्रेरणा देता रहेगा। मंदिर बनने से अयोध्या का पूरा अर्थतंत्र बदल जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- मिटाने की बहुत कोशिशें हुईं। लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं। हमारी संस्कृति के आधार हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम हैं।
जो जहां है इस आयोजन को देख रहा है। वह भावविभोर है। सभी को आशीर्वाद दे रहा है। साथियो राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं। हमारे भीतर घुल मिल गए हैं। कोई काम करना हो तो प्रेरणा के लिए हम भगवान राम की ओर ही देखते हैं। आप भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए। इमारतें नष्ट हो गईं। क्या कुछ नहीं हुआ। अस्तित्व मिटाने का हर प्रयास हुआ, लेकिन राम आज हमारे मन में बसे हैं। हमारी संस्कृति का आधार है।
उन्होंने कहा- कई वर्षों तक तप, त्याग, समर्पण चला। इसमें अर्पण भी था, तर्पण भी था। 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से नमन करता हूं। आयोजन को जो देख रहा है, वो भाव-विभोर है।
कई वर्षों से टेंट में रह रहे थे रामलला। टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से जारी इस क्रम से राम जन्मभूमि आज मुक्त हुई है।
सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है। पूरा भारत भावुक है। करोड़ों लोगों को तो आज विश्वास ही नहीं हो रहा होगा कि वे इस पावन क्षण को देख रहे हैं।