एक तरफ जहां पूरी दुनिया में कोरोना के मामले कम होते जा रहे हैं ,वहीं इसके नए-नए वेरिएंट चिंता का विषय बन रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा संक्रामक ब्रिटेन के केंट क्षेत्र में फैले कोरोना वेरिएंट को बताया जा रहा है.
वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना का ये वेरिएंट बहुत जल्द पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले सकता है. इतना ही नहीं, इससे बाहर निकलने में एक दशक का समय लग सकता है. UK के जेनेटिक सर्विलांस प्रोग्राम के प्रमुख का कहना है कि दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड में पाया गया कोरोना वायरस का नया वेरिएंट जल्द पूरी दुनिया में फैल सकता है. उन्होंने वायरस के म्यूटेशन पर चिंता जाहिर की है. इस नए स्ट्रेन की वजह ब्रिटेन में फिर से लॉकडाउन लग सकता है.
UK का ये नया वेरिएंट 50 से अधिक देशों में पहुंच चुका है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अन्य वेरिएंट्स की तुलना में ये वेरिएंट 70 फीसदी ज्यादा संक्रामक और लगभग 30 फीसदी अधिक घातक हो सकता है. COVID-19 जीनोमिक्स यूके कंसोर्टियम के डायरेक्टर शेरोन पीकॉक ने बताया, ‘UK से बाहर निकलने के बाद केंट वेरिएंट संभावित रूप से पूरी दुनिया को चपेट में लेगा.’ शेरोन ने चेतावनी देते हुए कहा कि हालांकि COVID-19 वैक्सीन UK में कोरोना के कई वेरिएंट पर प्रभावी साबित हुए हैं लेकिन नया म्यूटेशन वैक्सीन के असर को कम कर सकता है.
शेरोन ने कहा, ‘यूके में फैला कोरोना का 1.1.7 वेरिएंट एक बार फिर म्यूटेट हो गया है और ये नया म्यूटेशन E484K इम्यूनिटी और वैक्सीन की क्षमता पर भी असर डाल सकता है. ये वायरस पांच अलग-अलग समय पर पांच से भी ज्यादा बार म्यूटेट हो चुका है और ये होता रहेगा. आने वाले 10 सालों तक हमें इस वायरस से लड़ाई जारी रखनी होगी.’
वहीं, अन्य एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना वायरस के अलग-अलग स्ट्रेन लोगों पर अलग-अलग तरह के प्रभाव डालते हैं और संभवत: सारे वेरिएंट जानलेवा नहीं होते हैं. हालांकि, लोगों को अभी भी बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है.