रांची। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सह लोहरदगा के पूर्व सांसद प्रोफेसर दुखा भगत का कोरोना से रिम्स में निधन हो गया। बताया जाता है कि उनका राज अस्पताल में लगातार डायलिसिस चलता रहता था। परिजनों संग कोरोना संक्रमित हो जाने पर अस्पताल ने एडमिट करने में लाचारगी दिखा दी थी। ऐसे में घर पर ही रहना मजबूरी हो गया। ऑक्सीजन की कमी पर सोशल मीडिया के जरिये कई लोगों ने उनके लिए मुहिम चलायी थी। अंततः सांसद संजय सेठ की पहल पर दुखा भगत को रिम्स में एक बेड मिल पाया था जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
गौरतलब है कि प्रो दुखा भगत का जन्म इरगांव, लोहरदगा में 1953 में हुआ था। उनके पिता का नाम विजय भगत और माता का नाम जौरी भगत था। दुखा उस समय सुर्खियों में आये थे, जब उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता और वर्तमान में मेरी रामेश्वर उरांव को लोकसभा चुनाव में हराया था। वे 1999 से 2004 तक लोहरदगा के सांसद रहे। रांची यूनिवर्सिटी में अध्यापन कार्य से भी जुड़े रहे।