नई दिल्ली| भारत में जो वर्तमान स्तिथि है उससे ज्यादा भयानक स्तिथि ब्रिटेन की कोरोना से थी| वहाँ भी ऐसे ही लोगों की जाने जा रही थी| ऐसे में ब्रिटेन ने इन तरीकों से देश में उठ रहे इस तबाही को खत्म किया|
99 फीसद मरीज अपने आप हुए ठीक
ज्यादातर कोरोना के 99 फीसद मरीज अपने आप ठीक हो जा रहे हैं| उसके लिए आपको मरीज के ऑक्सीजन लेवल पर नजर रखनी होगी| साथ ही बुखार और बदन दर्द के लिए पैरासिटामोल रखे और खुद को सबसे अलग करले| अगर मरीज का ऑक्सीजन स्तर 93% से ऊपर है तो उसे अस्पताल में भर्ती होने की भी आवश्यकता नहीं है|
गंभीर मरीजों को मिले इलाज
बीमार होने के बावजूद सिर्फ 1% लोगों में ये जानलेवा होता है| इसलिए उन्हे ही अस्पताल में भर्ती करे जिनकी स्तिथि गंभीर है|
वैक्सीन का असर
ब्रिटेन में वैक्सीन आने से पहले हालत इतनी खराब थी की मरीजों को हेलिकाप्टर से दूसरे शहर भेजना पड़ता था| लेकिन जब लोगों ने वैक्सीन लेना शुरू किया तब शायद ही किसी मरीज को अस्पताल में भर्ती किया होगा| ऐसा सख्त लॉकडाउन के कारण भी हो सकता है|
अस्पताल के सख्त नियम
अस्पताल में सिर्फ उन्ही मरीजों को भर्ती किया जा रहा था जिनकी हालत वाकईं में गंभीर थी| उन मरीजों को नियम के अनुसार भर्ती नहीं किया गया जिन्हे कोई परेशानी नहीं थी|
स्टेरॉयड और ब्लड थिनर्स ज्यादा कारगर
डॉक्टर सूद के अनुसार 1% लोग जो कोरोना से गंभीर रूप से बीमार हैं, उन लोगों में सिर्फ स्टेरॉयड और ब्लड थिनर्स ही ज्यादा काम आ रहे हैं| यहाँ तक की कोई इन्जेक्शन और प्लाज्मा थेरपी भी काम नहीं आ रही थी|