रांची| वैश्विक महामारी कोरोना की पहली लहर हो या दूसरी लहर, दोनों लहरों में राज्य के तमाम पारा शिक्षको ने फ्रंट पर काम कर सरकार व जनता को सहयोग किया है। सरकार को पारा शिक्षको ने मजिस्ट्रेट, PDS दुकान, कोरोना बचाव जागरूकता, कोरोना जांच टीम के सभी कार्यों में अपनी काबिलयत सिद्ध कर दिखाया है।
इस दौरान सरकार ने पारा शिक्षको को न ही PPE किट दिया और न ही 50 लाख का बीमा कराया फिर भी पारा शिक्षको ने अपनी जान की परवाह किये बिना सरकार का आदेशानुसार सफलता पूर्वक कार्य कर रहे है।
वही, एकीकृत मोर्चा के वरीय नेता संजय दुबे सर और शकील जी ने कार्य पर लगाये गए पारा का 50 लाख का बीमा कराने की मांग की है, लेकिन घमंड में चूर माननीय मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने इस पर ध्यान नही दिया।
प्रत्येक दिन आधा दर्जन पारा शिक्षको की मौत हो रही है इसलिए एकीकृत मोर्चा, सरकार से मांग करती है कि मृत पारा शिक्षको के परिजनों को एक नौकरी और 20 लाख रुपयों का मुआवजा की घोषणा होना चाहिए।
साथ ही मनोज शर्मा प्रखंड अध्यक्ष बिरनी माननीय मुख्यमंत्री जी से मांग करते हैं कि जिन पारा शिक्षको को अभी कोरोना बचाव कार्य पर लगाया गया है उसको स्वास्थ्य कर्मियों के जैसा एक माह का मानदेय के बराबर अतिरिक्त प्रोत्साहन भत्ता देने की घोषणा करें, अन्यथा कार्य बहिष्कार किया जायेगा।