खूँटी। जिले के तिलमा में वर्षों से चल रहे अस्थाई मारंगहादा पुलिस थाना अधिष्ठापित करने से लोगों में अब अविश्वसनीयता आने लगी है। मारंगहादा के नाम पर यह अस्थाई थाना पहले टीओपी के नाम पर शुरुआत हुआ फिर इसे थाना का नाम दे दिया गया।
अब स्थायी थाना बनाने के लिए सरधाधर्म स्थल को तार से घेराबंदी किये जाने पर सरना धर्मावलम्बि आक्रोशित हो गए। और इस पर आज तिलमा गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में जनजातीय समुदाय के लोगों का महाजुटान हुआ।
इस बैठक में सैकड़ों जनजातीय लोगों ने सुबह से ही प्रशासनिक पदाधिकारियों के आने की आशा देखी। जिसमें ग्रामवासियों के साथ बैठक किया जाना था। पर न तो बीडीओ सीओ आये, और न ही कोई अन्य पदाधिकारी।
इसपर क्षेत्र के लोग पहली बेला से ही बैठक में डटे रहे। क्षेत्र के लोग अपने पूजास्थल को लेकर प्रशासन द्वारा घेराबंदी किए जाने से आक्रोशित हो गए। आज गाँव और थानांतर्गत क्षेत्रों के लोगों के विरुद्ध खड़ा होने से समाज के लोगों में अविश्वसनीयता झलकी।
इसी संदर्भ में विगत दिनों जनजातीय समुदाय ने एकजूट होकर थाना बनाने के लिए पूजा स्थल को सीमांकन किए गए स्थान का घेराबंदी किए जाने पर विरोध किया था। फिर प्रशासन द्वारा पूजा स्थल को छोड़कर घेरा करने की बात कहकर काम चालू किया गया। पर जब उक्त पूजास्थल पर पूजा करने पहुंचे ग्रामीणों को पुलिस ने उस स्थान में पूजा करने से रोका गया तो इस पर ग्रामीण बौखला गए और एकजूट होकर पूजास्थल के घेराबंदी करने का विरोध किया।
इसी विरोध स्वरुप आज तिलमा गांव में सरनावलम्बी एकजूट होकर थाना बनाने जाने का विरोध जताया। साथ ही, वर्षों से करते आ रहे सरना पूजा स्थल पर पूजा अर्चना के रोक पर सरना समाज आक्रोशित हैं। ग्रामीणों और सरनावलम्बियों ने प्रशासन द्वारा अधिग्रहित इस धर्म स्थल को छोड़ने की मांग कर रहे हैं।