नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 1 सितंबर से स्कूल खुल रहे हैं. अरविंद केजरीवाल सरकार ने स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को फिर से खोलने की अनुमति दे दी है. सरकार ने राज्य में कोरोना की रफ्तार धीमी होने के बाद यह फैसला किया. सरकार ने इसको लेकर एसओपी भी जारी कर दिया है. स्कूलों को कोरोना को लेकर कई दिशा-निर्देश दिये हैं.
दिल्ली सरकार ने स्कूलों के लिए गाइडलाइन्स बनाये हैं. स्कूलों को कहा गया है कि वह 50 फीसदी क्षमता के अनुसार की कक्षाओं का संचालन कर सकते हैं. सभी बच्चों, शिक्षकों और बाकी कर्मचारियों को मास्क पहनना जरूरी होगा. स्कूल के प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजेशन की व्यवस्था करनी होगी. 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोग वैक्सीन लगाये हुए होने चाहिए.
ये है गाइडलाइन
- स्कूल, कॉलेज सहित अन्य शैक्षणिक संस्थानों के मैनेजिंग कमिटी और अभिभावकों की बैठक के बाद उन्हें खोलने का निर्णय लेना होगा.
- बच्चों के अभिभावकों को पेरेंट टीचर मीटिंग के जरिए वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित करना होगा.
- संस्थानों में थर्मल स्कैनर, डिसइन्फेक्टैंट, सैनिटाइजर, साबुन-पानी, मास्क आदि पर्याप्त मात्रा में रखना होगा.
- स्कूलों में पर्याप्त संख्या में हैंड वॉस बेसिन और लिक्विड सोप की व्यवस्था होनी चाहिए.
- क्लासरूम में 50 फीसदी क्षमता के साथ बच्चों को बैठाया जाए. कक्षाओं में सोशल डिसटैंसिंग का पालन अनिवार्य है.
- सभी बच्चों को अगर स्कूल बुलाया जा रहा है तो शिफ्ट में बांटकर कक्षाओं का संचालन होना चाहिए.
- स्कूल के अंदर सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है और स्कूल की जिम्मेवारी है कि जिनके पास मास्क नहीं, उन्हें मास्क दे.
- स्कूलों में प्रवेश द्वार पर बच्चों की भीड़ नहीं लगनी चाहिए. पूरी तरह सोशल डिस्टैंसिंग के साथ बच्चों को स्कूल में प्रवेश दें.
- स्कूल में किसी भी बच्चे, शिक्षक या अन्य कर्मचारी को अगर सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षण हों तो उन्हें नहीं आना है.
- दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों को स्कूल में क्वारेंटाइन सेंटर बनाने का भी निर्देश दिया है.
- जिन स्कूलों में वैक्सीनेशन सेंटर चल रहे हैं, उस एरिया को अलग चिह्नित कर सेपरेट किया जायेगा. वहां आने-जाने का रास्ता भी अलग होगा.