रांची। 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले में आरोपित राज्य के पूर्व मंत्री बंधु तिर्की की जमानत के मामले पर बुधवार को हाइकोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान वादी ने जमानत देने की गुहार लगायी। इसके बाद सरकार ने इसका विरोध किया। कोर्ट की तरफ से बंधु तिर्की को नामांकन करने अनुमति मिल गयी है। 16 नवंबर को बंधु तिर्की नामांकन दाखिल करेंगे।
गौरतलब है कि पत्थलगड़ी के समर्थन में बयान देने के मामले में 14 नवंबर को सुनवाई होगी। दरअसल, पूर्व मंत्री बंधु तिर्की पर दो मामले चल रहे हैं। इन दोनों मामले में निचली अदालत ने उनकी जमानत को खारिज कर दिया है। इसके बाद उन्होंने जमानत के लिए हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
चार सितंबर से जेल में बंद हैं बंधु तिर्की
झाविमो नेता और मांडर के पूर्व विधायक बंधु तिर्की को एसीबी ने चार सितंबर को रांची सिविल कोर्ट परिसर से गिरफ्तार किया था। बंधु तिर्की की गिरफ्तारी 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले में हुई थी। 24 अगस्त को 34 वें राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले में, तत्कालीन खेल मंत्री बंधु तिर्की और राष्ट्रीय खेल आयोजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष आरके आनंद समेत पांच आरोपियों पर मुकदमा चलाने की अनुमति एसीबी को मिली थी।
झारखंड में वर्ष 2007 में राष्ट्रीय खेल का आयोजन किया जाना था, लेकिन तैयारी पूरी नहीं होने की वजह से 34वें राष्ट्रीय खेल का आयोजन साल 2011 में किया गया। इसके बाद खेल सामग्री की खरीद, ठेका देने में अनियमितता और निर्माण में गड़बड़ी के कई मामले सामने आये थे। जिसमें आकलन के मुताबिक, 29 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान सरकार को हुआ था।