खूँटी। बंदगांव प्रखंड के लुम्बई लुंबई गांव में बनवासी कल्याण आश्रम के श्रद्धाजागरण प्रमुख ने धर्म-संस्कृति के रक्षार्थ बिरसा भगवान के मानने वाले बिरसाइयत के साथ बैठक हुई। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से 15 गांव से 60 महिला पुरुष आए थे और बच्चों के साथ भी आए थे।
बैठक को संबोधित करते हुए प्रांत के श्राद्ध जागरण प्रमुख मुसाफिर विश्वकर्मा ने कहा बंदगांव बड़ा ही पवित्र स्थान और ज्ञान की भूमि बंदगांव है। भगवान बिरसा को यहीं से अपनी परंपरा संस्कृति अस्मिता बचाने के लिए एक आदर्श के रूप में पांडा ने ज्ञान वर्धन शिक्षा देने का दिशा का बोध कराया वहीं से बिरसा भगवान ने मन में संकल्प लिया कि समाज के प्रति समर्पण भाव खड़ा कर समाज को जगाने की आवश्यकता है हमारी परंपरा संस्कृति को विदेशी षड्यंत्र से बचाने की आवश्यकता है। वे गांव गांव जाकर छोटी से छोटी सभाएं लेते थे लेकिन अंग्रेजों के षड्यंत्र के कारण बिरसा भगवान पकड़े जाते हैं और उन्हें रांची जेल में बंद कर दिया जाता ने तरह-तरह की यातनाएं दी जाती जिसके कारण जेल में ही मृत्यु हो जाती है हमें उनके संकल्पों को दोहराने की आवश्यकता है। हमें एक सजक प्रहरी के रूप में खड़ा होने की आवश्यकता है। तभी हमारी परंपरा संस्कृति जीवित रहेगी
अपने संबोधन में हर्षित मुंडा ने कहा की हमारे समाज मैं विघ्न डालने का काम इशाई लोग कर रहे हैं हमारी परंपरा स्मिता मिटाने में लगा है हमें सर्जक होकर मुंहतोड़ जवाब देने की आवश्यकता है तभी हम समाज की परंपरा को बचाने में सफल होंगे।
कार्यक्रम में बुधवा मुंडा, सुखराम ओड़िया, मालगु मुंडरी, सुमी बोदरा , इतवारी हेंब्रम, दिलीप सिंह और अन्य लोग उपस्थित थे।