रांची। झारखंड की हेमंत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य के माध्यमिक स्कूलों में कार्यरत स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों को प्रवर वेतनमान में प्रोन्नति देने के लिए उन्हें स्नातकोत्तर उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक हर्ष मंगला ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इस निर्णय से अवगत कराते हुए प्रोन्नति में इसे लागू करने को कहा है।
दरअसल, कुछ जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों ने निदेशालय से शिक्षकों को प्रवर वेतनमान में प्रोन्नति की कार्रवाई के क्रम में इसपर मार्गदर्शन की मांग की थी कि स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों को प्रवर वेतनमान में प्रोन्नति के लिए स्नातकोत्तर (एमए) की योग्यता अनिवार्य है या नहीं।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने स्पष्ट किया है कि पूर्ववर्ती बिहार सरकार के समय से ही शिक्षकों को केंद्रीय वेतनमान की स्वीकृति के क्रम में माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को प्रवर वेतनमान में प्रोन्नति देने के लिए प्रत्येक शिक्षक को स्नातकोत्तर योग्यता हासिल करना अनिवार्य किया गया है। प्रवर वेतनमान लागू करने के पूर्व जिन शिक्षकों की सेवा 18 वर्ष हो गई है, उन्हें स्नातकोत्तर योग्यता हासिल करना आवश्यक नहीं है लेकिन बाद में नियुक्त शिक्षकों को स्नातकोत्तर की योग्यता रहना आवश्यक है।
उनके अनुसार झारखंड में वर्ष 2016 में अधिसूचित झारखंड सरकारी माध्यमिक विद्यालय शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी नियुक्ति एवं सेवा शर्त नियमावली, 2015 में प्रावधान किया गया है कि केंद्रीय विद्यालय संगठन नियमावली एवं वित्त विभाग, झारखंड के दिशा-निर्देशों के अनुसार, मूल कोटि के वेतनमान में 12 वर्षों की संतोषप्रद सेवा के बाद उस श्रेणी का वरीय वेतनमान देय होगा।
स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक की श्रेणी में प्रवर वेतनमान का लाभ मूल कोटि में स्वीकृत पदों के 20 प्रतिशत अनुमान्य पद के विरुद्ध वरीय वेतनमान में न्यूनतम 12 वर्षों की सेवा करने वाले शिक्षकों को वरीयता क्रम में एवं आरक्षण रोस्टर के अनुसार देय होगा। केंद्रीय विद्यालय संगठन के शिक्षकों को प्रवर वेतनमान की स्वीकृति के संदर्भ में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार प्रवर वेतनमान में प्रोन्नति प्रदान किए जाने के लिए नियुक्ति के विषय में उच्चतर योग्यता पूर्व निर्धारित शर्त है।
राज्य के माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इस आलोक में ही नियमानुसार समय पर प्रोन्नति के पूर्व की सभी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिए हैं, ताकि राज्य में प्रोन्नति पर लगी रोक हटते ही सभी लंबित कार्रवाई शीघ्र निष्पादित हो सके।