नई दिल्ली। जिस जोमैटो (Zomato) और स्विगी (Siggi) जैसे फूड एग्रीगेटर (Food Aggregators) एप से आजकल कई बार लोग खाना मंगाते हैं वो अब 5 फीसदी जीएसटी (GST) सीधा सरकार को जमा करेंगे. क्या इससे आपका बाहर से खाना मंगाना महंगा होने वाला है तो इसका जवाब ये है कि सीधा आपकी जेब पर असर नहीं होगा.
ग्राहकों के लिए ऑनलाइन फूड मंगाना महंगा नहीं होगा क्योंकि बाहर से खाना मंगाने पर ग्राहकों को जीएसटी पहले भी देना होता था लेकिन जोमैटो-स्विगी जैसे एप पहले रेस्टोरेंट को जीएसटी देते थे लेकिन अब से सीधा सरकार को 5 फीसदी जीएसटी जमा करेंगे. अब फूड एग्रीगेटर कंपनियां सीधे जीएसटी जमा कराएंगी जिससे टैक्स की चोरी कम हो सकेगी और सरकार को सही रेवेन्यू मिल सकेगा.
कैसे काम करेगा ये नया नियम
जीएसटी के नए नियम के बाद फूड एग्रीगेटर एप्स की ये जिम्मेदारी होगी वो जिन रेस्टोरेंट के जरिए सर्विस प्रोवाइड करा रहे हैं उनसे टैक्स कलेक्ट करें और उसे सरकार के पास जमा कराएं. पहले रेस्टोरेंट जीएसटी कलेक्ट तो करते थे पर इसे सरकार के पास जमा कराने में अनियमितता रहती थी.
किसने लिया ये फैसला
जीएसटी काउंसिल ने हाल ही में ये फैसला लिया है कि फूड एग्रीगेटर एप पर आर्डर हुए खाने पर मिलने वाली जीएसटी रकम का हिस्सा रेस्टोरेंट को नहीं देंगी बल्कि वे खुद 5 फीसदी जीएसटी रकम का भुगतान सरकार को करेंगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इसको लेकर साफ कर दिया था कि ये कोई नया टैक्स नहीं है सिर्फ इसको सरकारी खजाने में जमा करने का स्वरूप बदला गया है जिससे टैक्स चोरी रुक सकेगी.