झारखंड। उच्च शिक्षा और उच्चस्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले झारखंड (Jharkhand) के छात्रों के लिए राज्य सरकार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड (Credit Card) योजना लाने की तैयारी कर रही है. योजना ये है कि इसके तहत छात्रों को उनकी जरूरतों के अनुसार क्रेडिट कार्ड के जरिए 10 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन (Education Loan) बगैर किसी गारंटी के उपलब्ध कराया जाए. आगामी 29 दिसंबर को झारखंड की मौजूदा सरकार के 2 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के दौरान इस योजना को लॉन्च करने की घोषणा की जा सकती है.
इन छात्रों को दी जा सकती है विशेष रियायत
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस योजना का प्रारंभिक प्रारूप लगभग तैयार कर लिया गया है. इसमें राज्य के स्थायी मूलवासी, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछडा वर्ग के छात्रों को विशेष रियायत दी जा सकती है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में स्थित विभिन्न बैंकों के आला अधिकारियों के साथ बैठक की थी. इस दौरान उन्होंने अनुसूचित जनजाति के लोगों को ऋण देने के लिए बैंकों से उदार रवैया अपनाने की अपील की थी.
कम ब्याज दरों पर मिलेगा ऋण
राज्य सरकार के पास जो आंकड़ा है, उसके मुताबिक एसटी-एससी वर्ग के लोगों को बैंकों द्वारा ऋण प्रदान करने की औसत दर बेहद कम है. सरकार का प्रयास है कि बैंकिंग प्रणाली के तहत छात्रों को कम ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाए, ताकि उच्च शिक्षा के उनके सपनों पर विराम ना लगे. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाले सॉफ्ट लोन को चुकाने की मियाद 15 साल हो सकती है. इस योजना के तहत आईआईटी, आईआईएम और सिविल सर्विस जैसी परीक्षाओं के साथ-साथ प्रोफेशनल कोर्सेज की पढ़ाई करने वाले छात्र लाभान्वित हो सकते हैं.
होती है परेशानी
इसी सिलसिले में राज्य की ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल की एक टीम जनजातीय बहुल छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, ओडिशा का दौरा कर अनुसूचित जनजाति के छात्रों को शिक्षा ऋण देने के मॉडल का अध्ययन करने वाली है. झारखंड में छोटानागपुर एवं संथाल परगना टेनेंसी एक्ट के प्रावधानों के चलते आदिवासियों की जमीन की बिक्री पर कई तरह की पाबंदियों के चलते इस समुदाय के लोगों को ऋण मिलने में परेशानी होती है.
पहल से लागू है ये योजना
झारखंड के पहले पश्चिम बंगाल और बिहार में भी सरकारों ने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना लागू की है. बिहार के छात्रों को इस योजना के तहत 4 लाख रुपये तक का ऋण मिलता है. झारखंड सरकार ने यूपीएससी सिविल सर्विस की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की तैयारी के लिए एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की योजना भी पहले से लागू कर रखी है.